श्रीनगर। कश्मीर में अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ा रही ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने यरुशलम को इजरायल की राजधानी बनाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ आठ दिसंबर को वादी में प्रदर्शनों का आह्वान किया। 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस पर कश्मीर बंद का एलान किया है। गौरतलब है कि कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और जेकेएलएफ चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक के नेतृत्व में अलगाववादी संगठनों ने जेआरएल नामक मंच बनाया है। जेआरएल ने कहा कि मुस्लिमों के लिए यरुशलम अहमियत वाला शहर है। यह इस्लाम के मानने वालों का एक तीर्थ है। शुक्रवार को पूरे कश्मीर में सभी लोग नमाज-ए-जुमे के बाद शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें। मीरवाइज, गिलानी व मलिक ने 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर पूर्ण कश्मीर बंद का भी आह्वान किया है। मीरवाइज और यासीन मलिक की अगुआइ में हमजा मस्जिद कोकरबाजार लालचौक से संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक कार्यालय सोनवार के लिए जुलूस निकाला जाएगा। मानवाधिकार के मुद्दे पर शनिवार नौ दिसंबर को गिलानी की अध्यक्षता में उनके निवास पर सेमीनार आयोजित किया जाएगा। अलगाववादी खेमे ने अनंतनाग रैली की तैयारियों को भी सफल बनाने का आग्रह करते हुए लोगों से कहा है कि वे 15 दिसंबर को अनंतनाग मार्च करें और रैली में ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल हों।
यरुशलम पर 10 दिसंबर को कश्मीर बंद रहेगा
