लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्य चुनाव आयोग उन्हीं ईवीएम से चुनाव कराने जा रहा है जिन पर पहले विवाद उठा था। विरोध दलों का आरोप है कि बीते अप्रैल को मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनाव हुआ था। उस चुनाव में बीजेपी के पक्ष वाली ईवीएम प्रयोग की गईं थीं। विरोधी दलों ने राज्य चुनाव आयोग के इस फैसले पर भी चिंता जताई है जिसमें चुनाव आयोग ने वोटर्स का ऑडिट ट्रायल कराकर उनके कागजों का सत्यापन न कराने का फैसला लिया है। हिमाचल और गुजरात के विधान सभा चुनावों को देखते हुए चुनाव आयोग के पास वीवी पैट की कमी नजर आ रही है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने बताया कि जहां वीवीपैट का प्रयोग हुआ, वहां बीजेपी हार जाएगी। चुनाव आयोग को वीवीवपैट का ही प्रयोग इस निकाय चुनाव में करना चाहिए। अगर चुनाव आयोग ने ऐसा नहीं किया तो आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होंगे।
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