नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी केंद्र की महत्वाकांक्षी आधार-मोबाइल लिंक योजना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। स्वामी ने कहा है कि मैं प्रधानमंत्री को चि_ी लिखूंगा कि आखिर ये कैसे जरूरी है। सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि मैं शीघ्र ही प्रधानमंत्री को एक पत्र लिख रहा हूं जिसमें बताऊंगा कि अनिवार्य आधार हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा क्यों है। स्वामी ने लिखा है कि मुझे इस बात का यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट भी इस विषय पर गौर फ रमाएगा और इसे अनिवार्य करने की बात खारिज कर देगा। आपको बता दें कि ‘आधार’ की अनिवार्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की संवैधानिक बेंच गठित करने का फैसला किया है। ये बेंच आधार से जुड़े सभी मामलों पर सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने फैसला उसके बाद लिया है जब अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि आधार को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। संवैधानिक बेंच नवंबर के अंतिम सप्ताह से आधार को लेकर दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिसमें कल्याणकारी योजनाओं में लाभ के लिए सरकार के आधार अनिवार्यता के खिलाफ चुनौती दी गई थी। वहीं मोबाइल को आधार से लिंक कराए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और देश की सभी मोबाइल कंपनियों को नोटिस जारी किया है। विभिन्न योजनाओं और सुविधाओं को आधार से जोडऩे की अनिवार्यता और आधार लिंकिंग की तारीख सभी के लिए 31 मार्च 2018 तक बढ़ाने को लेकर सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई की गयी। पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि आधार को विभिन्न योजनाओं से जोडऩे की आखिरी तारीख 31 दिसंबर से बढ़ाकर 31 मार्च कर दी जाएगी। हालांकि केंद्र सरकार ने कहा था कि समय सीमा सिर्फ ऐसे लोगों के लिये बढ़ाई जा रही है जिनके पास आधार नहीं है। ऐसे लोगों को आधार के लिये अप्लाई करना होगा। हालांकि अन्य सभी के लिए आखिरी तारीख 31 दिसंबर ही रहेगी। इससे पहले आधार की अनिवार्यता को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ा विरोध जाहिर किया था। ममता ने ट्वीट कर केंद्र के इस फैसले पर निशाना साधते हुए लिखा था ‘मैं आधार कार्ड को अपने फ़ोन नंबर से लिंक नहीं करवाउंगी चाहे मेरा नंबर बंद हो जाए। ममता का विरोध सिर्फ शब्दों तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि उन्होंने आधार से मोबाइल नंबर्स को जोडऩे के केंद्र के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से याचिका तक दाखिल कर दी। इस याचिका पर सोमवार (30 अक्तूबर) को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई भी की। इस मामले पर कोर्ट ने केंद्र को नोटिस भेजकर चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि कैसे कोई राज्य केंद्र के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल कर सकता है? कोर्ट ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा कि अगर आपको दिक्कत है तो वह आम नागरिक की तरह निजी स्तर पर याचिका दाखिल कर सकती हैं। सूत्र बताते हैं कि अब राज्य सरकार याचिका को संसोधित करने की तैयारी कर रही है, क्योंकि याचिका में ममता बनर्जी का नाम नहीं है।
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