जीएसटी सिस्टम को लेकर इन्फोसिस ने सरकार को किया निराश

नई दिल्ली। फाइनैंस मिनिस्ट्री के वरिष्ठ अधिकारियों को जून के तीसरे सप्ताह में उस समय एक बड़ा झटका लगा था कि जब इन्फोसिस के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने उन्हें बताया था कि कंपनी देश में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को 1 जुलाई की डेडलाइन पर लागू करने के लिए तैयार नहीं है।
इसकी जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने की घोषणा फरवरी में कर दी गई थी और वे अब जाकर हमें यह बता रहे थे। इन्फोसिस ने जीएसटी के लिए पूरे आईटी सिस्टम को तैयार करने का 1,380 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट 2015 में हासिल किया था।
कंपनी जीएसटी पोर्टल के लिए आईटी इंटरफेस को मैनेज करती है। गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) में रुकावटें पैदा करने वाली गड़बडिय़ों को लेकर सरकार के वरिष्ठ अधिकारी इन्फोसिस से निराश हैं। इन गड़बडिय़ों के कारण रिटर्न भरने की डेडलाइन कई बार बढ़ाई जा चुकी हैं।
एक अधिकारी ने कहा, यह खराब अनुभव रहा है। उनका कहना था कि इन्फोसिस से सर्विस में सुधार करने की उम्मीद है। सरकार ने सोमवार को एक बार फिर जुलाई के महीने के लिए जीएसटीआर-2 की फाइलिंग 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर और जुलाई के लिए जीएसटीआर-3 की फाइलिंग 10 नवंबर से बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी। जुलाई के लिए जीएसटीआर-2 वास्तव में अगस्त में दाखिल किया जाना था, लेकिन इसकी डेडलाइन कई बार बढ़ाई गई है।
इन्फोसिस के जीएसटी सिस्टम में आ रही समस्याओं को समय पर दूर न करने को लेकर सरकार में एक वर्ग काफी नाराज है।एक अधिकारी ने कहा, हमें टैक्स कंप्लायंस का कल्चर विकसित करना है। यह हमारा लॉन्ग टर्म गोल है। शॉर्ट टर्म में हमें इन्फोसिस के कारण समस्या हो रही है। उन्होंने बताया कि इन्फोसिस कॉरपोरेट शब्दावली का इस्तेमाल कर समस्या को टालने की कोशिश करती है। सरकार ने इस बारे में इन्फोसिस के सीनियर मैनेजमेंट से भी संपर्क किया है। सरकार ने कंपनी के पूर्व सीईओ विशाल सिक्का और हाल ही में नियुक्त हुए नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन नंदन नीलेकणि को जीएसटी सिस्टम से जुड़ी समस्याओं की जानकारी दी थी।
जीएसटी को लेकर फैसले करने वाली जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में भी जीएसटीएन में आ रही समस्याओं पर चिंता जताई जा चुकी है। इसी कारण से जीएसटी को लागू करने में आ रही आईटी से संबंधित समस्याओं की निगरानी और समाधान के लिए बिहार के फाइनेंस मिनिस्टर सुशील कुमार मोदी की अगुवाई में एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया गया है। सुशील कुमार मोदी ने जीएसटीएन के काम करने के तरीके में सुधार पर विचार के लिए 1 नवंबर को पटना में एक मीटिंग बुलाई है।
ट्रेड संगठनों सहित कई व्यापारियों का कहना है कि सिस्टम काफी धीमा है और इसमें अक्सर गड़बडिय़ां होती हैं। एक ट्रेडर ने बताया, इससे कारोबारी समुदाय परेशान हो गया है। एक छोटा व्यापारी रिटर्न दाखिल करने में इतना अधिक समय नहीं लगा सकता।

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