मुंबई । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से प्रमोट किए गए पेमेंट मेकेनिज्म यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) की अक्टूबर में ग्रोथ पिछले महीने के मुकाबले 100 फीसदी रही है। यूपीआई को मैनेज करने वाले नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अपने सोशल मीडिया पर शेयर किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में 7.69 करोड़ ट्रांजैक्शंस हुए, जबकि सितंबर में इनकी संख्या 3.09 करोड़ थी। यूपीआई के जरिए ट्रांसफर हुए अमाउंट के संदर्भ में यह वैल्यू 7,057 करोड़ थी जो कि इससे पिछले साल 5,325 करोड़ रुपये थी। इसमें 32.5 फीसदी का उछाल आया है।
नोटबंदी के बाद पीयर-टु-पीयर डिजिटल पेमेंट्स में एक बड़े गेमचेंजर के तौर पर उभरने वाला यूपीआई पिछले साल से लगातार ग्रोथ हासिल कर रहा है। इसके अलावा, गूगल, ट्रूकॉलर जैसे पॉपुलर ब्रांड्स के भी यूपीआई पेमेंट्स स्पेस में आने से इसके वॉल्यूम में तेज उछाल आया है।
यहां तक कि सरकार ने अपना खुद का ऐप्लिकेशन भीम (भारत इंटरफेस फॉर मनी) भी यूपीआई प्लेटफॉर्म पर काम करने के लिए लॉन्च किया है। भीम को बड़े पैमाने पर प्रसारित किया गया है। साथ ही एनपीसीआई की पार्टनरशिप में करीब 57 बैंकों ने अपने यूपीआई ऐप्स को यूपीआई पर लाइव कर दिया है। इस फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत से ही यूपीआई ट्रांजैक्शन वॉल्यूम अक्टूबर में 380 फीसदी बढ़कर 7.7 करोड़ पर पहुंच गया जो कि इस साल अप्रैल में 38 लाख था।
मुख्यतौर पर भीम और फ्लिपकार्ट की पेमेंट इकाई फोनपे के चलते ऐसा हुआ है। गूगल के तेज पेमेंट एप्लिकेशन के जुडऩे से यूपीआई प्लेटफॉर्म पर पी2पी पेमेंट्स में बड़ा उछाल आया है। इंडस्ट्री इनसाइडर्स का कहना है कि अक्टूबर में फेस्टिव सीजन की वजह से ई-कॉमर्स कंपनियों ने कई तरह के डिस्काउंट्स और प्रमोशनल ऑफर्स पेश किए, इससे भी इस महीने यूपीआई में तेजी आई है।