डिजिटल पहल के आधार पर होगी उत्कृष्ट उच्च शैक्षणिक संस्थाओं की पहचान

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के सभी विश्वविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय स्तर की संस्थाओं से उच्च शिक्षा डिजिटल कार्य योजना 2017 के आंकड़े अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वे (एआईएसएचई) के पोर्टल पर पेश करने को कहा है ताकि आधुनिक शिक्षा के बदलते वैश्विक प्रारूप के अनुरूप अच्छा प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं की पहचान की जा सके।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार सभी विश्वविद्यालय या विश्वविद्यालय स्तर की संस्थाओं को 15 नवंबर तक एआईएसएचई पोर्टल पर डिजिटल एक्शन प्लान 17 रू 17 से संबंधित आंकड़े पेश करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने हाल ही में देश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखा है।
जावडेकर ने अपने पत्र में कहा कि 9 जुलाई 2017 को आयोजित राष्ट्रीय डिजिटल पहल सम्मेलन में उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में 17 सूत्री कार्य योजना मंजूर की गई थी जिसे दिसंबर 2017 तक लागू किया जाना है। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि आप इस बात से सहमत होंगे कि शिक्षा प्रौद्योगिकी की दुनिया काफी तेजी से बदल रही है और शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रौद्योगिकी को जोडऩे से हमें फायदा मिलेगा। पूरी दुनिया में विश्वविद्यालय परिसर अपने कामकाज में उच्च प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं और इसे अकादमिक मानक के रूप में शामिल किया गया है। हमें भी बिना देरी किये, इस पहल को तेजी से लागू करना चाहिए।
मंत्री ने अपने पत्र में कहा कि मैंने अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वे (एआईएसएचई) को डिजिटल कार्य योजना निगरानी पोर्टल तैयार करने और इसे 10 नवंबर 2017 तक अमल में लाने को कहा है। इससे अच्छा प्रदर्शन करने वाले संस्थानों की पहचान की जा सकेगी और जरूरतमंद विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं को मदद की जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि 9 जुलाई 2017 को आयोजित राष्ट्रीय डिजिटल पहल सम्मेलन में 17 सूत्री कार्य योजना को मंजूरी प्रदान की गई थी और यह तय किया गया था कि विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर के संस्थान इन्हें दिसंबर 2017 तक लागू करें। इसमें स्वयं, स्वयं प्रभा, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, राष्ट्रीय अकादमिक निक्षेपागार जैसे शीर्षकों के कार्य योजना तय की गई है। इसके अलावा स्वच्छ परिसर, स्मार्ट कैम्पस, डिजिटल कैम्पस पर भी जोर दिया गया है।
उच्च शिक्षा के लिये डिजिटल पहल में तय कार्य योजना 2017 में स्वयं, स्वयं प्रभा, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, राष्ट्रीय अकादमिक निक्षेपागार जैसे शीर्षकों के तहत 17 सूत्री कार्यक्रम तय किये गए थे।  मानव संसाधन विकास मंत्रालय के ‘स्वयं’ कार्यक्रम एक विशाल खुले ऑनलाइन पाठ्यक्रम की पहल है। स्वयं के तहत शैक्षणिक पाठ्यक्रम ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे और डिजिटल कक्षाओं के माध्यम से छात्रों तक पहुँचा जा सकता है। इसमें देश का कोई भी व्यक्ति पंजीकरण कराकर शिक्षा ग्रहण कर सकता है।
स्वयं योजना से होगा फायदा
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार स्वयं योजना के तहत उच्च माध्यमिक विद्यालय स्तर से स्नातक स्तर तक का पाठ्यक्रम उपलब्ध होगा। सभी उच्च शिक्षण संस्थाओं से पाठ्यक्रमों का प्रचार प्रसार करने, नये कोर्स तैयार करने, ऐसे कोर्स से शिक्षकों को जोडऩे और इसकी निगरानी के लिये प्रकोष्ठ तैयार करने को कहा गया है। ”स्वयं प्रभा’ प्रत्यक्ष रूप से डायरेक्ट टू होम (सीधे आपके घर) सुविधा है। इसके तहत कक्षा के व्याख्यान और अनुभव को 32 डिजिटल शैक्षिक टेलीविजन चौनलों के माध्यम से सीधे इच्छुक छात्रों तक उपलब्ध कराया जाएगा, जो अब एचआरडी मंत्रालय द्वारा चलाए जाएंगे। इन कार्यक्रमों को डीडी फ्री डिश के जरिये भी कोई भी व्यक्ति देख सकता है। किसी कारणवश जो छात्र एक समय में इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने से चूक गये हैं उनके लिए इस कार्यक्रम को दोबारा प्रसारित किया जाएगा।
स्वयं प्रभा योजना कक्षा दस के स्तर से लेकर आईआईटी तक के प्रारंभिक पाठ्यक्रमों को कवर करेगी। मंत्रालय के अनुसार, स्वयं प्रभा पहल के तहत सभी कुलपति डीडी फ्री डिश बाजार से खरीदने का निर्देश दे सकते हैं जिसकी लागत एकबारगी करीब 1400 रूपये आयेगी । इन्हें सबसे पहले कार्यालय में और फिर यथा संभव कक्षाओं में लगाया जाए। ऐसे ही संदेश संबद्ध संस्थाओं को जारी किये जाएं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा है कि सभी संस्थाएं और संबद्ध कालेज तत्काल राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) पहल का हिस्सा बने। इससे छात्रों को निरूशुल्क डिजिटल संसाधनों तक पहुंच उपलब्ध हो सकेगी। डिजिटल पहल में तय कार्य योजना 2017 में राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी योजना को भी जोड़ा गया है।

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