तेजी से फैल रहे पार्किसंस रोग पर होगी चर्चा, कई शहरों के जाने माने डाक्टर लेगे हिस्सा

कानपुर। न्यूरो साईंस सेन्टर मेडिकल कालेज की ओर से इस साल भी नेशनल न्यूरोलाँजी अपडेट 2017 कांन्फ्रेस का आयोजन किया जा रहा है,इस नेशनल क्रान्फ्रेस में कई शहरों के जाने माने डाक्टर हिस्सा लेगें।इस दौरान बच्चों और गर्भवती महिलाओं में न्यूरोलाँजी से जुड़ी बीमारियों से किस तरह से सामना किया जाए,इस पर डाक्टर अपनी राय रखेगें।

न्यूरोसाइंस डिपार्टमेंट जीएसवीएम मेडिकल कालेज की ओर से बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान नेशनल न्यूरोलाँजी अपडेट कांन्फ्रेस के बारें में जानकारी दी गयी।बताया गया कि 18 नवम्बर को होने वाली इस कांन्फ्रेस का मुख्य उदेश्य लकवे के कारणों का उपचार किस तरह नयी विधि से किया जाए।क्योकि वर्तमान समय में नयी विधि से उपचार किस तरह किया जाए इसके प्रति डाक्टरों में भी जागरुकता कम है।

कांन्फ्रेस के दौरान डा आलोक वर्मा ने बताया कि बच्चो में लकवें की पहचान के साथ ही गर्भवती महिलाओं में न्यूरो से जुड़ी बीमारियों पर विशेष तौर पर चर्चा की जायेगी।विश्व में तेजी से बढ़ रहे पार्किसन रोग पर भी डाक्टर अपनी राय रखेगें।आकड़ों पर चर्चा करते हुए उन्होने बताया कि एक्सीडेंट से प्रति वर्ष विश्व में सिर में चोट लगने से दस लाख लोगो की मौत हो जाती है।जिसका मुख्य कारण मस्तिष्क में चोट लगना है।कान्फ्रेंस में एड्स की रोकथाम पर भी चर्चा की जायेगी।दिल्ली,चंडीगढ़,लखनऊ और बंगलुरु के डाक्टर कांन्फ्रेस मैं हिस्सा ले रहे है।

न्यूरो सर्जन डा मनीष सिंह ने बताया कि 17 नवम्बर को एलएलआर हास्पिटल में राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के अवसर पर एक जागरुकता अभियान का आयोजन किया जायेगा।हैलट परिसर में आयोजित किये जाने वाले जागरुकता अभियान का शुभारंभ केडीए वीसी के विजयेन्द्र करेगे।कैम्प के माध्यम से बताया जायेगा कि मिर्गी यानी एपीलेप्सी एक न्यूरोलाजिकल बीमारी है।जिसमें रोगी को बार बार दौरे पड़ते है।सही मायने में वर्तमान समय में अभी भी लोग मिर्गी की हकीकत से वाकिफ नही हैं,जिसके प्रति लोगो में कई भ्रांतिया है।सही मायने में मिर्गी एक साध्य रोग है।बर्शते उसका उपचार पूरी तरह से करवाया जाए।इन्ही कुछ बातों को लेकर लोगों को जागरुक किया जायेगा।

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