हर आदमी अपनी स्लिम और फिट बॉडी चाहता है और उसके लिए लोग एक्सरसाइज और जिम में जाकर खूब मेहनत करते हैं. लेकिन जिम करते समय लोग अपनी फिटनेस को लेकर कुछ ऐसी चीजें कर जाते हैं जो कि उन्हें नहीं करना चाहिए. आप इस आर्टिकल को पढ़ें इसमें हम आपके द्वारा जिम में की जाने वाली कुछ गलत आदतों के बारे में बताने जा रहें हैं.
गलत आदत – 1:
आप कई घंटो तक जिम करते हैं और आपको लगता है इससे आपको बहुत ज्यादा फायदा होने वाला है तो आपक ये गलत लगता है क्योंकि डेढ़ घंटे तक हलकी एक्सरसाइज करने से आपका वजन कम होने वाला नहीं है, कम से कम अगले कुछ महीनों तक तो नहीं.इसलिए आपको कितने घंटे एक्सरसाइज करना है इस्पे ध्यान नहीं देना है, आपको असरदार एक्सरसाइज पर ध्यान देना है.इसके लिए अगर आप सिर्फ कार्डियो एक्सरसाइज ही करते हैं तो इसे आप डेढ़ घंटे करें और घर जायें. ज्यादा कार्डियो एक्सरसाइज करना ठीक नहीं होता है. ऐसे ही अगर आप वेट लिफ्टिंग करते हैं तो एक दिनमे केवल अपने ख़ास मसल्स पर ही ध्यान दें ये सही तरीका होता है और बाकी अगले दिन के लिए छोड़ दें.
गलत आदत – 2:
आप वेटिंग स्केल पर अपना वजन तो देख सकते हैं लेकिन आपका फैट कितना कम हुआ इसे नहीं नाप सकते हैं। वेटिंग मशीन आपके फैट के बढऩे या घटने का हिसाब नहीं बताती है बल्कि यह हड्डियां, मांसपेशियां, आर्गन और ब्लड सहित आपके पूरे शरीर का वजन बताती है। इसलिए अगर आप खराब कार्बोहाइड्रेट और नमक खाते हैं तो आपका वजन बढ़ सकता है। क्योंकि कार्बोहाइड्रेट और नमक शरीर के वाटर कंटेंट को बढ़ाते हैं जो आपके शरीर के पूरे वजन में काफी योगदान देता है। इसलिए अगर आपका उद्देश्य मांसपेशियां मजबूत करना और फैट कम करना है तो आपको बार-बार अपना वजन चेक करने की जरूरत नहीं है। इसके बजाय आप वर्कआउट शुरू करने से पहले अपना ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं और तीन महीने के वर्कआउट के बाद आपको खुद ही अपने शरीर में फर्क दिखने लगेगा।
गलत आदत – 3:
जिस तरह से जीवन में आगे बढऩे के लिए पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करना पड़ता है ठीक उसी तरह वर्क आउट से पहले आपको अपना गोल सेट करना पड़ेगा। अगर आप वास्तव में वजन कम करना चाहते हैं तो यह न सोचें कि आपको फिट रहने के लिए वर्कआउट करना है। इसके बजाय आप यह सोचें कि आपको 90 दिन में कम से कम 10 किलो वजन कम करना है। इसके अलावा आपको यह भी प्रण करना पड़ेगा कि आप हफ्ते में पांच दिन हाई इंटेन्सिटी कार्डियो और वेट ट्रेनिंग को कम से कम 20 मिनट तक करेंगे। तीन महीने पूरा होने तक आपको अपना लक्ष्य हर हाल में हासिल कर लेना है। जब आप ऐसे गोल सेट करके वर्कआउट करेंगे तो आपका वजन जल्दी ही कम हो जाएगा।
गलत आदत – 4 :
सामान्य वजन होने के बावजूद आप इसे कम करना चाहते हैं और कोई ऐसा व्यक्ति जो वजन घटाने के लिए ट्रेडमिल कर रहा है आप उससे आगे निकल जाते हैं तो वाकई में आपको रूक जाना चाहिए। क्योंकि दौडऩा या टहटना आपके लिए काफी आसान हो सकता है लेकिन एक मोटे व्यक्ति के लिए आपसे पांच गुना कठिन हो सकता है। वेटिंग ट्रेनिंग पर भी यही बात लागू होती है। अगर आपका वजन नहीं बढ़ा है तो आपको सामान्य एक्सरसाइज की जरूरत होती है।
गलत आदत – 5:
चाहे आप कार्डियो करें, वेट लिफ्टिंग या वजन कम करने की सामान्य सी एक्सरसाइज। आप एक्सरसाइज के बीच में सांस लेते रहें। यह बहुत जरूरी है क्योंकि आक्सीजन की कमी होने पर लैक्टिक एसिड अधिक बनता है और बाद में मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। इसकी वजह से आप बेहोश भी हो सकते हैं। इसलिए वर्कआउट के दौरान बीच-बीच में सांस लेते और छोड़ते रहें।
गलत आदत – 6:
यदि आपको यह मालूम नहीं है कि आपको कितना वर्कआउट करना है और वेट ट्रेनिंग के पहले ही दिन आपको कोई डंबल बेल का डबल सेट करने के लिए चैलेंज करता है तो आप क्या करेंगे? आप अन्य लोगों की तरह इस चैलेंज को स्वीकार कर लेगें और बाद में कंधे में समस्या होने पर डॉक्टर के पास जाने की नौबत आने पर पश्चाताप करेंगे। दूसरों की नकल न करें। आपके शरीर को जितना जरूरत है उतना ही वर्कआउट करें। अगर आपने अभी शुरूआत की है तो पहले सबसे आसान वर्कआउट करें। इससे आप किसी तरह की चोट से बच जाएंगे और आपको वर्कआउट का फायदा भी होगा।
गलत आदत – 7:
क्या आप सिर्फ आइसोलेशन एक्सरसाइज करते हैं। आइसोलेशन एक्सरसाइज एक वेट ट्रेनिंग रूटीन है जो आपके शरीर के विशेष मांसपेशियों पर फोकस करता है। जैसे ग्लूटेस, बाईसेप्स या पेक्टोरल। केवल बॉडी बिल्डर्स को ही ऐसी एक्सरसाइज का लाभ मिलता है। इसलिए आइसोलेशन एक्सरसाइज की बजाय स्च्ेट और पुशअप पर ज्यादा फोकस करें जो कि एक ही समय में कई मांसपेशियों को एक्टिव करता है और आपके शरीर का फैट तेजी से कम होता है।
गलत आदत – 8:
यदि आप सोचते हैं कि आप सिर्फ क्रंचेज करके ही अपना एब्स बना लेंगे तो यह आपकी सबसे बड़ी गलतफहमी है। आपने देखा होगा की जिम में लोग रोजाना सैकड़ों क्रंचेज करते हैं ताकि उनका 6-पैक दिखने लगे। लेकिन सिर्फ क्रंचेज से ही एब्स नहीं बनते हैं। इसके पीछे तीन मुख्य कारण है। पहला यह कि क्रंचेज करने से ऊपर के दो एब्स को ही फायदा होता है। पेट की पूरी मांसपेशियों पर इसका असर नहीं पड़ता है। इसलिए अगर आप 6-पैक बनाना चाहते हैं तो आपको क्रंचेज के साथ पेट के मांसपेशियों की भी एक्सरसाइज करनी पड़ेगी। दूसरा यह कि एब्स बनाना कोई आसान काम नहीं है। यही वजह है कि सिर्फ सौ क्रंचेज से ही कोई फायदा नहीं होता है। एब्स दिखने के लिए आपको लंबे समय तक अच्छी तरह से एब्डॉमिनल एक्सरसाइज करने की जरूरत पड़ती है। तीसरा यह कि आप चाहे कितना भी कोशिश कर लें जब तक आपके एब्स के ऊपर जमा फैट पूरी तरह से खत्म नहीं होगा तब तक आप अपना 6 या 8 पैक एब्स नहीं देख पाएंगे। शरीर पर फैट कम रहे इसका बस एक ही उपाय है कि आप फैट रहित भोजन करें।
गलत आदत – 9:
क्या आप ग्लूटिएल एक्सरसाइज करके पछता रहे हैं? या पेट की फैट कम करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं या हाथों को फैलाने पर जो वसा दिखती है उसे कम करना चाहते हैं। तो आपके लिए बुरी खबर है। इन जगहों पर ध्यान केंद्रित करने से आपका फैट कम नहीं होने वाला है। आपके शरीर के भीतर की जटिल प्रक्रियाओं और उसकी आवश्यकता अनुसार शरीर के अलग-अलग भागों में उतना फैट जाता है। इसलिए शरीर के किसी विशेष हिस्से पर ही ध्यान केंद्रित करने से फैट कम नहीं होता है। इसलिए सबसे बेहतर उपाय यह है कि आप कई महीनों तक ऐसा वर्कआउट करें जिससे की पूरे शरीर का फैट एकसाथ कम हो सके।
गलत आदत – 10:
क्या आप अपने शरीर के स्ट्रेस के लक्षणों की अनदेखी करते हैं? समाज भी उन्हीं लोगों को ज्यादा सम्मान देता है जो कठिन परिस्थितियों से निपटना जानते हैं। इस तरह का एटीट्यूड ऐसी परिस्थियों में काफी काम आता है। लेकिन इस बात को जिम पर लागू नहीं किया जा सकता। ऐसे व्यक्ति को मूर्ख ही कहेंगे जो शरीर जवाब देने के बाद भी एक्सरसाइज करना बंद नहीं करता है। अधिक जिम करने से थकान होती है जिससे हृदय की गति बढ़ जाती है, मांसपेशियों में दर्द होने लगता है और पूरे दिन भूख लगती रहती है और इनसे निपटना मुश्किल हो जाता है।