गुजरात-हिमाचल चुनाव नतीजों के बाद होगी राहुल की ताजपोशी

नई दिल्ली। कांग्रेस की कमान राहुल गांधी के हाथ में सौंपने का रास्ता साफ करने के लिए पार्टी के दिसंबर में होने वाले संगठन चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है और इसकी प्रक्रिया एक दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगी। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने सोमवार को एक बैठक में पार्टी अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए चुनाव के कार्यक्रम पर मुहर लगाई।
पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकार के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए अधिसूचना एक दिसंबर को जारी की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख चार दिसंबर (अपराह्न तीन बजे तक) होगी। नामांकन पत्र की छंटनी के लिए पांच दिसंबर की तारीख तय की गई है और वैध नामांकनों की सूची इसी दिन अपराह्न साढ़े तीन बजे घोषित कर दी जाएगी। नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 11 दिसंबर (अपराह्न तीन बजे तक) है और अंतिम सूची इसी दिन शाम चार बजे तक जारी कर दी जाएगी।
बयान के अनुसार आवश्यकता पडऩे पर मतदान 16 दिसंबर को होगा। यदि मतदान हुआ तो मतगणना के बाद परिणाम की घोषणा 19 दिसंबर को की जाएगी। हालांकि सूत्रों का कहना है कि पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी के एकमात्र उम्मीदवार होने की संभावना है। बता दें कि गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजे 18 दिसंबर को आने हैं। इन नतीजों के बाद ही अब राहुल की ताजपोशी संभव हो पाएगी।
सबको साथ लेकर चलने का इरादा
राहुल ने भी हाल के समय में अपनी युवा नेताओं की टीम के साथ वरिष्ठ नेताओं को भी पूरा तवज्जो देकर यह संदेश दिया है कि वह फिलहाल कांग्रेस में सबको साथ लेकर चलने का इरादा रखते हैं। सोनिया गांधी की सेहत गडबड होने के बाद से ही राहुल को पार्टी की कमान सौंपने की बातें चल रही हैं मगर कई मौकों पर इसको लेकर खुद राहुल तैयार नहीं दिखे। हालांकि बीते तीन महीनों के दौरान राहुल ने इस संशय से बाहर आकर नेतृत्व संभालने के अपने इरादे साफ कर दिए।
2004 में राजनीतिक पारी का आगाज
2004 में अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतकर राजनीतिक पारी का आगाज करने वाले राहुल गांधी ने 2007 में बतौर कांग्रेस महासचिव संगठन में जिम्मेदारी संभाली। संप्रग की दस साल की सत्ता के दौरान उन्हें कई बार मनमोहन सिंह ने अपने कैबिनेट में शामिल करने का प्रस्ताव दिया, मगर राहुल ने इनकार कर दिया।
जब उठी थी राहुल को पीएम बनाने की बात
2012 में तो कांग्रेस के एक वर्ग ने उन्हें मनमोहन की जगह पीएम बनाने तक की अंदरूनी आवाज बुंलद की। जयपुर में जनवरी 2013 में राहुल को औपचारिक रूप से सोनिया गांधी का उत्तराधिकारी बनाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष के रूप में प्रमोशन दिया गया। राहुल के मुकाबले पार्टी के अंदर से उनके खिलाफ चुनाव लडने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में राहुल का निर्विरोध कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाना भी तय दिखता है।

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