नई दिल्ली। अक्टूबर में 7 महीने के ऊंचे लेवल पर पहुंचे रिटेल इन्फ्लेशन आने वाले महीनों में और बढ़ सकता है। एक्सपट्र्स का कहना है कि सब्जियों और क्रूड ऑइल के दाम में तेजी के चलते नवंबर में महंगाई 4 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर सकती है। नोमुरा, बैंक ऑफ अमेरिका, मेरिल लिंच और मॉर्गन स्टैनली जैसी दिग्गज फाइनैंशल सर्विसेज फम्र्स का कहना है कि इकॉनमी में साइक्लिकल रिकवरी के साथ सब्जियों और क्रूड के दाम में उछाल के चलते आने वाले महीनों में महंगाई का दबाव बढ़ सकता है। नोमुरा ने अपने रिसर्च नोट में लिखा है, ‘हमारे हिसाब से कन्ज्यूमर प्राइस इंडेक्स बेस्ड इन्फ्लेशन नवंबर में 4 प्रतिशत से ऊपर जा सकता है और अगले पूरे साल यह आरबीआई के 4 प्रतिशत के टारगेट से ऊपर बना रह सकता है। फूड और फ्यूल के दाम में उछाल आने की वजह से सीपीआई बेस्ड इन्फ्लेशन अक्टूबर में 7 महीने के हाई यानी 3.58 प्रतिशत पर पहुंच गया था। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के मुताबिक, नवंबर में सीपीआई बेस्ड इन्फ्लेशन लगभग 4.5 प्रतिशत रह सकता है। उसने यह भी कहा है कि प्याज इंपोर्ट करने की इजाजत देने के साथ ही जमाखोरी पर लगाम लगाने जैसे सरकारी उपायों से खाने-पीने के सामान के दाम को काबू में रखने में बहुत मदद मिलेगी। फैक्ट्री प्रॉडक्शन का अनुमान देने वाले इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन में इस साल जून से गिरावट आ रही है जबकि रिटेल इन्फ्लेशन में बढ़ोतरी हो रही है। मॉर्गन स्टैनली के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि फूड और ऑइल के दाम में उछाल के अलावा एचआरए बढ़ोतरी लागू करने वाले राज्यों और सेक्टर्स की संख्या में बढ़ोतरी होने से भी महंगाई का दबाव बढ़ेगा। एक ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने हालिया रिपोर्ट में लिखा है कि इंटरनैशनल मार्केट में ऑइल महंगा होने से निकट भविष्य में महंगाई बढ़ सकती है लेकिन बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाले सामान पर लागू जीएसटी में हाल में की गई कटौती से थोड़ी राहत मिल सकती है।
महंगी सब्जियों और क्रूड ऑइल से इस महीने 4 प्रतिशत का लेवल पार करेगी महंगाई!
