सत्ता में आते ही पाटीदार आरक्षण पर बिल लाएगी कांग्रेस: हार्दिक

अहमदाबाद। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने बुधवार को कांग्रेस द्वारा दिए गए सकारात्मक समर्थन को सार्वजनिक करते हुए बताया कि आरक्षण पर कांग्रेस ने उनकी मांगों पर सहमति जतायी है। हार्दिक ने कहा, कांग्रेस को खुले तौर पर समर्थन नहीं दे रहे हैं लेकिन हम भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे तो कहीं न कहीं ये कांग्रेस को ही समर्थन है। कांग्रेस ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथियों को टिकट दिया है। हार्दिक ने कांग्रेस को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया, ‘आरक्षण पर कांग्रेस ने हमारी बातें मान ली है। सत्ता में आते ही कांग्रेस आरक्षण पर प्रस्ताव पास कराएगी। हमें 50 फीसद से अधिक आरक्षण दिया जा सकता है।’ उन्होंने आगे कहा, टिकट को लेकर कोई सौदेबाजी नहीं हुई है। हमने कोई टिकट नहीं मांगा।  अपनी संस्था में किसी तरह के मतभेद से इंकार करते हुए हार्दिक ने कहा, ‘अन्याय के खिलाफ लडऩा हमारा संस्कार है। हमारी लड़ाई भाजपा सरकार के खिलाफ है। भाजपा की नीयत में खोट है। हमारे संयोजकों को खरीदने की कोशिश की गयी। हार्दिक ने यह भी बताया कि रोजगार व शिक्षा को लेकर सोचने वाली कांग्रेस पाटीदार के हैसियत पर सर्वे भी कराएगी। गुजरात विधानसभा के लिए 9 दिसंबर को होने वाले प्रथम चरण के मतदान के लिए मंगलवार को नामांकन का काम पूरा हो गया। पाटीदार समाज के दबाव के चलते भी हार्दिक भाजपा का खुलकर विरोध करने की रणनीति पर काम करते नजर आ रहे हैं। अहमदाबाद ग्रामीण में मंगलवार रात्रि को हुई सभा में हार्दिक ने लोगों से कहा कि वे अपनी मर्जी व समझदारी से मतदान करें। विधानसभा के 182 विधायकों में से जब कोई उनसे वोट मांगने आए तो उनसे कुछ सवाल जरूर पूछना कि किसानों को फसल का दाम, युवाओं को नौकरी, बच्चों को शिक्षा तथा महिलाओं की सुरक्षा के लिए उन्होंने क्या किया। हार्दिक ने सभा में पूछा कि यहां मौजूद लोगों में से किसी के परिवार में पुलिस इंस्पेक्टर, तहसीलदार, पटवारी बना हो तो हाथ खड़ा करें। इनमें एक भी ऐसा नहीं निकला तो हार्दिक ने मजाक करते हुए कहा क्या वे गांधीनगर में प्लॉट हासिल करने या पुलिस पर रौब जमाने के लिए ही विधायक बने हैं। हार्दिक ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर लोन देने की बात कर रहे थे पर 12 फीसद तक ब्याज वसूला जा रहा है। फसल बीमा का प्रीमियम उठा लिया लेकिन कंपनी किसानों को बीमा का पैसा नहीं दे रही हैं।

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