नई दिल्ली। केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने आज कहा कि सरकार ड्रोन के लिए ‘डिजिटल आकाश’ की अवधारणा के क्रियान्वयन पर काम कर रही है। इससे मानवरहित हवाई वाहनों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर इनका सुगमता से परिचालन सुनिश्चित किया जा सकेगा। सिन्हा यहां नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा ड्रोन के लिए नियमों को अंतिम रूप देने पर आयोजित विचार विमर्श बैठक को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले इसी महीने नागर विमानन मंत्रालय ने ड्रोन के नागरिक उद्देश्य के लिए परिचालन पर नियमों का मसौदा जारी किया था। इसके तहत ड्रोन परिचालन के लिए विशिष्ट पहचान नंबर और रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि अब लोग ड्रोन के इस्तेमाल के बारे में सोचने लगे हैं। ऐसे में डिजिटल क्षेत्र बनाने की जरूरत है, जहां प्रत्येक बिंदु पर 3-डी डिजिटल क्षेत्र का नक्शा बनाया जा सके। सिन्हा ने कहा, जब कोई ड्रोन का परिचालन करना चाहता है, तो उसे डिजिटल उड़ान योजना सौंपनी होगी। साफ्टवेयर निगरानी कार्यक्रम और ग्राउंड रडार के जरिये आपको सुनिश्चित करना होगा कि डिजिटल उड़ान योजना का पालन हो सके। उन्होंने कहा कि ड्रोन प्रौद्योगिकी की बढ़ती संख्या के मद्देनजर डिजिटलीकरण जरूरी हो जाता है। इस अवसर पर मौजूद उद्योग के प्रतिनिधियों ने ड्रोन के लिए एकल खिड़की प्रणाली का आग्रह किया। साथ ही प्रतिनिधियों ने मानवरहित हवाई प्रणाली (यूएएस) की उड़ान के लिए ऊंचाई की सीमा में संशोधन और गड़बड़ी करने वाले ड्रोन को दंड देने की व्यवस्था पर जोर दिया।
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