जगतसिंहपुरा। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किसानो से अपने अधिकार के लिए करो या मरो आंदोलन शुरू करने की अपील की जैसा कि महात्मा गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ किया था। केंद्र और राज्य सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की तबतक नहीं सुनी जाएगी जबतक वह अपनी आवाज नहीं उठायेंगे। हजारे ने एक कार्यक्रम में यहां किसानो को संबोधित करते हुए कहा, गांधीजी ने ब्रिटिश शासकों को उखाड फेंकने के लिए ‘करो या मरो’ का नारा दिया था और लाखों लोग सडकों पर आ गए। अब समय आ गया है जब किसानों को भी अपने अधिकार सुरक्षित करने के लिए इसी प्रकार का ‘करो या मरो’ आंदोलन शुरू करना चाहिए। उन्होंने किसानों से कहा कि वह किसी आंदोलन की शुरूआत के दौरान अहिंसा के सिद्धांत का पालन करें। उडीसा के पूर्व मुख्यमंत्री नबाकृष्ण चौधरी के जन्मदिवस के मौके पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। चौधरी ने 50 के दशक में उडीसा पर शासन किया था । प्रदेश में फसल खराब होने तथा अन्य कारणों से इस साल 12 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों की आलोचना की और कहा कि सरकारें किसानों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रहे हैं अन्ना ने कहा कि किसान समुदाय जबतक अपनी आवाज नहीं उठायेंगे तबतक उनकी बात नहीं सुनी जाएगी। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानो के अधिकारों तथा लोकपाल कानून को उचित तारीके से लागू करने के लिए मैं अगले साल फिर धरना दूंगा अन्ना ने किसानो से कहा कि वह गांधी के अहिंसा के सिद्धांत का पालन करें ।
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