पार्लियामेंट कैंटीन में अब कैश की जगह चलेगा ‘फूड कार्ड’

नई दिल्ली। देशभर में कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की दिशा में केन्द्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन, पार्लियामेंट कैन्टीन में कैशलेस ट्रांजेक्शन की दिशा में डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने में नाकामयाबी के बाद अब संसद के सदस्य और कर्मचारियों को ‘प्री-पेड फूड काड्र्स’ जारी किए जाएंगे। लोकसभा सचिवालय की तरफ से मेट्रो कार्ड की तरह का ही कार्ड जारी किया जाएगा। पिछले साल 8 सितंबर को हुई नोटबंदी के बावजूद पार्लियामेंट की चारों कैंटीन में डिजिटल काड्र्स की जगह पैसे से ही खाने का बिल चुकाया जा रहा है।
एसबीआई से हुआ टाई-अप
लोकसभा सचिवालय के एडिशनल सेक्रेटरी और कैंटीन के इंचार्ज अशोक कुमार सिंह ने सोमवार को बताया, “हमने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ बात की है ताकि नई व्यवस्था की शुरुआत की जा सके। कैंटीन में कार्ड रीडर्स होंगे जिससे कैश से लेनदेन के मुकाबले इसके जरिए लोगों को पेमेंट करने में ज्यादा आसानी होगी। इन काड्र्स को स्टेट बैंट के पार्लियामेंट कॉम्पलैक्स ब्रांच से री-फिल किया जा सकेगा।
पीओएस सिस्टम रहा फेल
पिछले साल 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से एक हजार और पांच सौ रुपये के नोटों को चलन से बंद करने के ऐलान के बाद लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सभी कैफे में पेमेंट के लिए पीओएस मशीन की शुरुआत करायी थी। लेकिन, ये शुरू ही नहीं हो पाया क्योंकि सब्सिडी के चलते काफी सस्ता मिलनेवाले खाने की चीजों के लिए लोगों ने पैसे से पेमेंट करना ही बेहतर समझा। अधिकारी के मुताबिक, एक वेजिटेरियन थाली 40 रुपये की है जबकि मसाला डोसा 20 रुपये का।

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