अस्पतालों के लिए नियामक प्राधिकार बनाने की वकालत की नड्डा ने

नयी दिल्ली। लापरवाही के मामले में दिल्ली में मैक्स अस्पताल की एक शाखा का लाइसेंस दिल्ली सरकार द्वारा रद्द किये जाने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए नियामक प्राधिकार बनाने की वकालत की और राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो। नड्डा ने कहा कि उनके मंत्रालय ने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर केंद्र सरकार के क्लीनिकल संस्थापन अधिनियम को अपनाने को कहा है जिसमें राज्य और जिला स्तर पर नियामक प्राधिकार स्थापित करने का प्रावधान है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, हम निजी संस्थानों के खिलाफ हरियाणा और दिल्ली की सरकारों की कार्रवाई से अवगत हैं। मैंने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि हमें क्लीनिकल संस्थापन अधिनियम को अपनाना चाहिए जो कहता है कि राज्य और जिला दोनों स्तरों पर नियामक प्राधिकार होना चाहिए। नड्डा ने कहा कि राज्यों को कहा गया है कि प्रत्येक चिकित्सा संस्थान को उनके यहां उपलब्ध सेवाओं एवं सुविधाओं तथा उनके मूल्य को स्पष्ट तरीके से विभिन्न भाषाओं में प्रदर्शित करना चाहिए जिनमें विशेष रूप से अंग्रेजी और हिंदी में जानकारी अवश्य हो।

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