खाद्यान्न मांग पूरा करने को कृषि क्षेत्र का विकास जरूरी

नई दिल्ली। अगर भविष्य की बढ़ती खाद्यान्न मांग को पूरा करना हो तो देश में कृषि क्षेत्र का और तेजी से विकास करना होगा। ग्रांट थॉर्नटन और उद्योग चैंबर फिक्की की ओर से तैयार की गई एक में कहा गया है कि अगले 13 वर्ष में खाद्यान्न की मांग बढ़कर 35.5 करोड़ टन तक पहुंच जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई है। देश में मौजूदा खाद्यान्न उत्पादन 25 करोड़ टन है। कृषि मशीनरी पर एक समारोह में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, ‘भले ही हम खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हैं, तो भी हमें भविष्य की जरूरतों को लेकर तैयारी करनी होगी। ऐसा करके ही हम मांग और खपत के बीच की खाई को पाट सकेंगे। शेखावत के मुताबिक जहां तक खेती में मशीनरी के इस्तेमाल का सवाल है तो इसकी भूमिका किसानों की आय दोगुनी करने में खासी महत्वपूर्ण होगी। उद्योग जगत को खास जिंसों से जुड़ीं विशेष तरह की मशीनें बनानी चाहिए। इससे खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा मिलेगा। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों को ऐसे सभी उपकरण और मशीनरी मुहैया कराने की जरूरत है, जिनसे वे अपने खेतों की उपज ज्यादा से ज्यादा बढ़ा सकें। सरकार भी कृषि मशीनीकरण सब-मिशन के जरिये उपकरणों की खरीद पर किसानों को सब्सिडी दे रही है। आम तौर पर ऐसा माना जाता है कि आधुनिक तकनीक के लाभ बड़ी जोत वाले किसानों को ही मिल पाते हैं। हालांकि छोटे किसान भी अब कुछ चुनिंदा कृषि उपकरणों को तेजी अपना रहे हैं। कृषि मशीनरी पर इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में इटली के कृषि मंत्री मॉरिजियो मार्टिना, इटली के भारत में राजदूत लोरेंजो एंजेलोनी और भारत के कृषि सचिव एसके पटनायक भी मौजूद थे।

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