राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, धर्म परिवर्तन के लिए जिला कलेक्टर से लेनी होगी अनुमति

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अब धर्म परिवर्तन के लिए जिला कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी। फैसले के मुताबिक, जिला कलेक्टर की अनुमति मिलने के बाद ही धर्म परिवर्तन किया जा सकेगा। अदालत ने ये फैसला हिंदू युवती के धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम युवक से निकाह करने के मामले सुनाया है। अदालत ने इसको लेकर दस बिन्दुओं का दिशा-निर्देश भी जारी किया। हाईकोर्ट ने ये आदेश जोधपुर की युवती पायल सिंघवी के आरिफा बनकर मुस्लिम युवक के साथ निकाह करने को लेकर दायर हुई एक याचिका पर दिया। युवती के भाई ने मामले को लेकर याचिका दायर की थी। वहीं सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव कुमार व्यास ने धर्म परिवर्तन को लेकर गाइड लाइन जारी करने का आग्रह किया था। सुनवाई के दौरान जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास और जस्टिस वीरेन्द्र कुमार माथुर की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि महज शपथ पत्र देकर ही कोई धर्म नहीं बदल सकेगा, जिला कलेक्टर की अनुमति आवश्यक होगी। अब जब तक प्रदेश सरकार धर्म परिवर्तन को लेकर कोई कानून नहीं बना लेती, तब तक हाईकोर्ट का यह दिशा-निर्देश ही प्रभावी रहेगा। बहस के दौरान शिव कुमार व्यास ने कोर्ट में बताया कि सरकार ने धर्म परिवर्तन को लेकर बिल बनाया था, वह राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। जोधपुर की पायल सिंघवी नामक एक युवती ने अपना नाम आरिफा रख कर एक मुस्लिम युवक फैज मोदी से 14 अप्रैल, 2017 को निकाह कर लिया था। इसे उन्होंने धर्म परिवर्तन बताया। इस मामले को लेकर युवती के भाई ने प्रतापनगर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस द्वारा सुनवाई नहीं करने से परेशान होकर उसने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षकरण याचिका दायर की थी।

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