टोकियो। संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के स्थाई सदस्य ने कहा कि अमेरिका का यह दावा निराधार है कि इस वर्ष की शुरुआत में हुए वानाक्राई रैनसमवेयर हमले के पीछे उत्तर कोरिया है तथा उसने अमेरिका से सबूत के साथ अपने आरोप वापस लेने की मांग की. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका से संबंधित मामलों के उत्तर कोरिया के राजदूत पाक सोंग द्वितीय ने कहा कि उनके देश का मानना है कि अमेरिका अत्यधिक टकराव वाला माहौल पैदा करने के लिए यह आरोप लगा रहा है. पाक सोंग द्वितीय ने आज न्यूयॉर्क से टेलीफोन पर दिए साक्षात्कार में कहा, ”अगर वह आश्वस्त हैं तो हमें सबूत दिखाएं.
वानाक्राई रैनसमवेयर साइबर हमले के कारण दुनियाभर के हजारों कम्प्यूटर ठप हो गए थे. दुनियाभर में पिछले सप्ताह साइबर हैकरों द्वारा किए गए रैनसमवेयर हमले की शिकार जापान की 600 कंपनियां भी हुई हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज हिताची और अग्रणी वाहन निर्माता निसान शामिल हैं. अधिकारियों ने सोमवार (15 मई) को रैनसमवेयर यानी फिरौती वायरस साइबर हमले की पुष्टि की. फिरौती वायरस एक ऐसा वायरस है जो हैक किए गए डाटा के बदले पैसे की उगाही करता है. फिरौती की रकम नहीं देने पर हैकर डाटा को नष्ट कर देते हैं.
जापान कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम कोऑर्डिनेशन सेंटर के अनुसार, 600 कंपनियों के 2,000 के करीब कंप्यूटर रैनसमवेयर वायरस वानाक्राई का शिकार हुए हैं. समाचार एजेंसी एफे ने हिताची के हवाले से कहा है कि रैनसमवेयर हमले के चलते कंपनी की ईमेल सेवा बाधित हुई है. निसान मोटर ने भी वक्तव्य जारी कर कहा कि उनके कुछ संयंत्रों को फिरौती वायरस हमले का निशाना बनाया गया, हालांकि संयंत्रों में कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
ओसाका के सिटी काउंसिल की वेबसाइट सोमवार को सुबह 10 बजे क्रैश कर गई और अभी भी वे इसे बहाल करने में लगे हुए हैं. जापान की वित्तीय सेवा एजेंसी ने इस बीच बैंकों और बीमा सहित सभी घरेलू वित्तीय संस्थानों तथा सुरक्षा संस्थानों से सतर्क रहने के लिए कहा है. हैकर वानाक्राई नाम के फिरौती वायरस के जरिए हमला कर किसी कंप्यूटर में सेव फाइलें ब्लॉक कर देते हैं और फाइलें दोबारा हासिल करने के लिए डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन में फिरौती की रकम मांगते हैं.