सीपीईसी में अफगानिस्तान को शामिल करना चाहते हैं चीन और पाकिस्तान

भारत के खिलाफ साजिश?
पेइचिंग। भारत को अपने महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड परियोजना से जोडऩे में विफल रहा चीन अब अपनी आगे की योजना पर काम कर रहा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान और पेइचिंग 57 अरब डॉलर की सीपीईसी योजना से अफगानिस्तान को जोडऩा चाहता है। इतना ही नहीं चीन की तरफ से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के असामान्य रिश्तों को भी सामान्य करने की कोशिश की जा रही है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 1947 से ही रिश्ते सामान्य नहीं हैं, लेकिन हाल के सालों में अफगानिस्तान लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि पाकिस्तान यूएस समर्थित काबुल सेना के खिलाफ तालिबानी आतंकियों को समर्थन दे रहा है, ताकि वह भारत की भूमिका को सीमित कर सके। इन आरोपों से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई है। हालांकि, पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज कर कहा है कि वह एक स्थिर और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के पक्ष में है।
चीन अब दोनों देशों के बीच वार्ता को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है। चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पहली संयुक्त बैठक के बाद वांग ने कहा कि चीन को यह उम्मीद है कि सीपीईसी से पूरे क्षेत्र को फायदा हो और यह विकास को गति देने का काम करे। वांग ने रिपोर्टर्स से कहा, अफगानिस्तान को अपने नागरिकों के जीवनस्तर में सुधार करने की तत्काल जरूरत है। वांग ने उम्मीद जताई कि अफगानिस्तान इस योजना का हिस्सा बनेगा।
वांग ने रिपोर्टर्स से कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने अपने तनावपूर्ण रिश्तों को सुधारने पर सहमति जताई है। वांग ने आगे कहा, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के प्रॉजेक्ट्स का सफल कार्यान्वयन पड़ोसी देशों, जैसे अफगानिस्तान, ईरान और मध्य तथा पश्चिमी एशिया के साथ इसी तरह की परियोजनाओं के माध्यम से काम करने का एक मॉडल बनेगा। बता दें कि यह परियोजना विवादित पीओके से होकर गुजरती है, इसलिए भारत ने अपनी संप्रभुता का हवाला देते हुए इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था।

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