तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश, आरजेडी और ओवैसी ने उठाए सवाल

नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को लोकसभा में ट्रिपल तलाक विधेयक पेश किया। इसके साथ ही उन्होंने आज के दिन को ऐतिहासिक करार दिया। लेकिन इस विधेयक के प्रावधानों पर राजद, बीजद और ओवैसी ने विरोध दर्ज कर सवाल उठाए। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वसम्मति से संसद में ट्रिपल तलाक बिल पारित कराने की अपील की थी।
एआइएमआइएम के प्रेसिडेंट असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘बिल में मूलभूत अधिकारों का हनन है जब पहले से ही घरेलू हिंसा के लिए कानून है तो इस विधेयक की क्या जरूरत है।’ वहीं बीजद की ओर से भी विधेयक के प्रावधानों को लेकर विरोध जताया गया। बीजद सांसद भतृहरि महताब ने लोकसभा में कहा, ‘यह विधेयक त्रुटिपूर्ण है और इसमें कई आंतरिक विरोधाभास हैं।’ कानून मंत्री ने कहा, आज ऐतिहासिक दिन है।
सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक को पाप बताया गया था। तीन तलाक बिल पूरी तरह संवैधानिक है। यह नारी गरिमा सम्मान का बिल है। यह बिल किसी मजहब संप्रदाय के खिलाफ नहीं है। कोर्ट के फैसले के बाद भी तीन तलाक जारी था।
तीन तलाक को खत्म करने वाला कानून-
इसका मसौदा गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले एक अंतर-मंत्री समूह ने तैयार किया है। प्रस्तावित कानून एक बार में तीन तलाक या ‘तलाक ए बिद्दत’ पर लागू होगा। इसके तहत पीडि़ता अपने व अपने नाबालिग बच्चों के लिए संरक्षण व गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है। इस मामले पर मजिस्ट्रेट अंतिम फैसला करेंगे। इसके तहत किसी भी तरह का तीन तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) गैरकानूनी होगा। तीन तलाक गैरकानूनी होगा और ऐसा करने पर पति को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है।

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