केरल में गांधी व तमिलनाडु में अंबेडकर की प्रतिमा पर हमला

कन्नूर। प्रधानमंत्री के सख्त संदेश के बाद भी देश में प्रतिमा तोड़े जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। त्रिपुरा में लेनिन की प्रतिमा तोड़े जाने की आग तमिलनाडु के बाद अब केरल जा पहुंची है। जहां कन्नूर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, कन्नूर के थालिपरंबा इलाके में कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का चश्मा तोड़ दिया और उसके बाद वे वहां से फरार हो गए। मामले के सामने आने के बाद स्थानीय पुलिस जांच में जुट गई है। इससे पहले अंबेडकर की प्रतिमा को क्षति पहुंचाने की घटना उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से आई थी। यहां मवाना क्षेत्र के एक गांव में अंबेडकर की मूर्ति तोड़कर हिंसा फैलाने की कोशिश की गई। असामाजिक तत्वों द्वारा प्रतिमा खंडित करने की खबर से दलितों में आक्रोश पैदा हो गया। बताया गया कि करीब छह माह पहले भी इसी प्रतिमा को तोड़कर हिंसा फैलाने की कोशिश की गई थी। हालांकि उस दौरान भी पुलिस ने लोगों को समझाकर मामला शांत करा दिया था। प्रतिमा के बदले प्रतिमा तोडऩे की सियासत उबाल पर है। त्रिपुरा में भाजपा की जीत के बाद 1917 की रूसी क्रांति के नायक व वामपंथ के प्रणेता व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा ढहाने जाने के बाद तमिलनाडु के वेल्लोर में समाज सुधारक इवीआर रामास्वामी ‘पेरियार’ की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। उसके बाद कोलकाता में भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा तोड़ी गई और उसपर कालिख पोत दी गई और अब गांधी की प्रतिमा को क्षति पहुंचाई गई है। प्रधानमंत्री मोदी प्रतिमा तोडऩे के उपद्रव से खासा नाराज हैं और उन्होंने गृहमंत्रालय से सख्त कार्रवाई करने को भी कहा है। लेकिन प्रधानमंत्री की सख्ती और गृहमंत्रालय के कड़े निर्देश के बावजूद उपद्रवी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और समाज का माहौल खराब करने की कोशिश में जुटी हैं। देश के कुछ हिस्सों में प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त किए जाने की घटना को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन घटनाओं की निंदा की है। उन्होंने इसके खिलाफ कार्रवाई के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात भी की।

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