दुनिया में आतंकवाद का सबसे बड़ा स्रोत है पाकिस्तान

संयुक्त राष्ट्र
जेनेवा : आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के दोहरे रवैये को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर लताड़ लगाई है। भारत ने कहा है कि पूरी दुनिया में आतंकवाद का मुख्य स्रोत पाकिस्तान है। पाकिस्तानी बयान पर अपने जवाब के अधिकार का प्रयोग करते हुए भारत ने ये बातें कहीं।
भारत की तरफ से कहा गया, यह बेहद अफसोसजनक है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर परिषद के मूल्यवान समय का इस्तेमाल भारत पर आरोप लगाने में बिता दिया जबकि मानवाधिकारों के मामले में उसका अपना रेकॉर्ड निंदनीय है और आतंकवाद के प्रमुख स्रोत के तौर पर इसका संदिग्ध इतिहास से कोई भी अनजान नहीं है।
भारत ने इस दौरान बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनवा और सिंध में मासूम नागरिकों पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों का मुद्दा भी उठाया। भारत ने कहा, यहां लोग रोजाना अगवा होते हैं और मारे जाते हैं। मौजूदा और उससे बीते समय में सेना के साथ हुए संघर्ष की वजह से उत्तरीपश्चिमी पाकिस्तान में 10 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। महिलाओं और बच्चियों, खासतौर पर अल्पसंख्यक समुदाय की, को अगवा कर जबरन शादी कराई जाती है। अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, इसमें ईशनिंदा कानून के तहत सजा देना भी शामिल है।
भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे पाकिस्तान लगातार सीमा-पार आतंकवाद को समर्थन दे रहा है और जम्मू-कश्मीर राज्य में अपनी मंशाओं को अंजाम देना चाहता है, जो कि भारत का एक अभिन्न हिस्सा है।
भारत ने कहा, पाकिस्तान मानवाधिकारों की आड़ लेकर आतंकवाद की नीति पर चल रहा है। पाकिस्तान भारत में सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देता रहा है। हम पाकिस्तानी सरकार से उम्मीद करते हैं कि वे ऐक्शन ले और साल 2008 के मुंबई हमले और 2016 के पठानकोट-उरी हमलों में शामिल आतंकियों को सजा दिलवाए। भारत ने इस मुद्दे पर भी चिंता जाहिर की कि पाकिस्तान जैसे देश जो अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को सुरक्षित रखते हैं और तालिबानी नेता मुल्लाह ऊमर को पनाह देते हैं, वह पीडि़त होने का दिखावा भर कर रहा है।

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