शूटिंग को शामिल कराने के लिए राष्ट्रमंडल खेलों का बहिष्कार करें: राणा

नई दिल्ली। भारत की जूनियर निशानेबाजी टीम के कोच और पूर्व स्टार जसपाल राणा ने कहा कि 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल करने के लिए राष्ट्रमंडल खेलों का बहिष्कार करना चाहिए। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने यह साफ कर दिया है कि राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी एक विकल्प रहेगी और मेजबान देश इसके खेलों में शामिल करने या न करने पर अंतिम फैसला लेगा। राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में भारत निशानेबाजी में पदक जीतने के मामले में दूसरे स्थान पर है। भारतीय निशानेबाजों ने अभी तक 118 पदक जीते हैं। चार बार एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले राणा ने कहा, सरकार को इसके लिए लड़ाई लडऩी चाहिए क्योंकि अगर वो उन खेलों को हटाते रहे जिनमें हम अच्छे हैं तो हमारे देश के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा, हम टूर्नामेंट का बहिष्कार कर सकते हैं। राष्ट्रमंडल खेलों में नहीं खेलेंगे। चीन चार ओलम्पिक खेलों में नहीं खेला था और जब वह वापस आए तो क्लीन स्वीप किया।राणा ने राष्ट्रमंडल खेलों में कई पदक जीते हैं। उन्होंने अगले महीने गोल्ड कोस्ट में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के प्रदर्शन के बारे में कहा, राष्ट्रमंडल खेलों में स्पर्धाएं कम हैं। हमें अपने ही निशानेबाजों से मुकाबले करने पड़ते हैं, न की इंग्लैंड और अन्य देशों के निशानेबाजों से।जूनियर निशानेबाज मनु भाकेर ने काफी सुधार किया है और मैक्सिको में खेले गए विश्व कप में दो पदक जीते हैं। युवा निशानेबाजों के बारे में राणा ने कहा, जूनियर निशानेबाजों में से कुछ अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। वह युवा हैं और उनके पास खोने को कुछ नहीं है, लेकिन उनकी असली परीक्षा तब होगी जब वह अच्छा नहीं करेंगे और उन्हें वापसी करनी होगी। राणा ने अपने खिलाडिय़ों से अपनी स्पर्धा में अनुशासन में रहने को कहा, वह जानते हैं कि निशानेबाजी कैसे करनी है, ट्रिगर कैसे चलाना है, लेकिन लगातार सफलता हासिल करना अनुशासन में छुपी है। राणा ने युवा निशानेबाजों को सलाह देते हुए कहा, बच्चे और जूनियर की तरह बने रहो। अगर वो अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे तो जनता उन्हें जमीन पर ही रखेगी।

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