अविश्वास प्रस्ताव: हंगामे के बाद लोकसभा दिन भर के लिए स्थगित

नई दिल्ली। बहुमत के रथ पर सवार होकर सत्ता में आई मोदी सरकार के सामने सोमवार को पहली बार अविश्वास प्रस्ताव का संकट था। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली पार्टियां ही इस पर हंगामा करने लगीं और लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। टीडीपी, वाईएसआर समेत कुछ अन्य विपक्षी पार्टियों ने वेल में तख्तियों और पोस्टर के साथ जमकर नारेबाजी की। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जरूर प्रदर्शन कर रही पार्टियों को मनाने की कोशिश की और कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है।
टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस की तरफ से लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्पीकर सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया। हंगामे के कारण प्रस्ताव पेश नहीं हो सका और लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सोमवार को संसद की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई जिसके बाद 12 बजे तक के लिए लोकसभा स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा की कार्यवाही भी हंगामे के कारण दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
प्रस्ताव को कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया है। सरकार के लिए चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि अकेले बीजेपी के पास पर्याप्त संख्या बल लोकसभा में मौजूद है। सरकार और विपक्ष दोनों ही इस वक्त अपने स्तर पर एकजुट दिखने की कोशिश कर रही है। सरकार की सहयोगी शिवसेना ने प्रस्ताव पर कहा कि वह न इसका समर्थन करते हैं और न विरोध।
आंकड़े सरकार के पक्ष में रहे
अविश्वास प्रस्ताव आने पर मोदी सरकार पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है। लोकसभा में बीजेपी के 273 सांसद हैं। ऐसे में वह यह आसान परीक्षा आराम से पास कर जाएगी। हालांकि, सरकार के लिए थोड़ी मुश्किल सहयोगी दलों के छिटकने और गठबंधन के साथियों के नाराज होने की खबरों को लेकर जरूर है। विपक्षी एकता एक तरफ लामबंद होने के लिए प्रयास कर रही है और सरकार के सहयोगी दलों का दूर होना जरूर मोदी और बीजेपी के रणनीतिकारों के लिए आगामी लोकसभा चुनावों में सिर दर्द बन सकता है।
विपक्षी एकजुटता नजर आई
अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस दोनों पार्टियों को समर्थन दे चुकी है। कांग्रेस के 48 सांसद हैं। इस तरह सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए जरूरी 50 सांसदों का आंकड़ा आराम से जुट जाएगा। इसके साथ ही वाम दल, आप और बाकी विपक्षी दल भी सरकार के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं। इस तरह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में कोई मुश्किल नहीं होने वाली।

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