नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से पुराने 500 और 1000 के नोटों की गिनती जारी है। लोगों के मन में सवाल है कि बैंकों के पास जमा हुए 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों के साथ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) क्या कर रहा है? तो आपको बता दें, नोटबंदी के बाद आए 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों में जिनकी गिनती हो चुकी है, उन्हें टुकड़ों में काटकर ईंट के आकार में बदलने के बाद निविदा के माध्यम से उनका निपटारा कर दिया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सूचना का अधिकार कानून के तहत यह जानकारी दी है। बता दें कि 30 जून 2017 को जारी किए अपने प्रारंभिक आकलन में रिजर्व बैंक ने पुराने 500 और 1000 रुपए के नोटों का कुल मूल्य 15.28 लाख करोड़ रुपए बताया था।
ऐसे नष्ट होंगे पुराने नोट
आरबीआई ने आरटीआई के जवाब में कहा, 500 और 1000 के पुराने नोटों को पहले गिना जाता है, फिर इनके असली-नकली का वेरिफिकेशन किया जाता है। इसके बाद इन नोटों को आरबीआई की विभिन्न शाखाओं में मौजूद मशीनों से टुकड़े-टुकड़े करके एक ईंट की तरह आकार बना दिया जाता है, फिर इन्हें टेंडर निकालकर नष्ट करवाया जाता है।
दोबारा गलाकर तैयार नहीं होंगे नोट
रिजर्व बैंक के अनुसार जब इन कटे हुए नोटों को दबाकर इन्हें चौकोर ईंट के आकार में बदल दिया जाएगा तो निविदा के माध्यम से इनका निस्तारण कर दिया जाएगा। जवाब में कहा गया है, रिजर्व बैंक ऐसे नोटों का पुनर्चक्रण नहीं करता है। यानी दोबारा उससे गलाकर नया तैयार नहीं किया जाएगा।
ब्रिकेटिंग प्रणाली से बदले गए नोट
मुद्रा सत्यापन की अत्याधुनिक प्रणाली के तहत नोटों की जांच की गई है। इस प्रक्रिया को पूरा करने वाले नोटों को रिजर्व बैंक के विभिन्न कार्यालयों में लगाए गए नोटों को ब्रिकेटिंग प्रणाली में इन्हें काटकर उन्हें ब्रिकेट में परिवर्तित किया जा रहा है। देशभर में विभिन्न कार्यालयों में कुल 59 अत्याधुनिक मुद्रा सत्यापन एवं प्रसंस्करण मशीनें हैं।
8 नवंबर 2016 में हुए थे बंद
मोदी सरकार की नोटबंदी की घोषणा के बाद 8 नवंबर 2016 को पांच सौ और एक हजार रुपए के पुराने नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे।इसकी वजह से लोगों को 500 और 1000 रुपए के नोटों को बैंक में जमा कराने और बैंक से पैसे निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।