नई दिल्ली। ओलिंपिक मेडलिस्ट और राज्यसभा सांसद मैरी कॉम द्वारा स्थापित एनजीओ, सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, आईटी इंडस्ट्री से जुड़ा संगठन नैस्कॉम और एमनेस्टी इंटरनैशनल की भारतीय शाखा समेत 42 गैरसरकारी संगठनों (एनजीओ) की जांच की जा रही है। विदेशी चंदा लेने में कथित अनियमितताओं को लेकर गृह मंत्रालय इन संगठनों की जांच कर रहा है।
लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि एफसीआरए (फॉरन कॉन्ट्रिब्यूशन्स रेगुलेशन ऐक्ट) या एफसीआरआर (फॉरन कॉन्ट्रिब्यूशन्स रेगुलेशन रूल्स) के कथित उल्लंघन की प्राथमिक जांच के तौर पर 21 एनजीओ को एक स्टैंडर्ड प्रश्नावली दी गई है। इसी तरह के कथित उल्लंघनों के लिए 21 अन्य संगठनों का ऑडिट और जांच कराई जा रही है।
बेंगलुरू स्थित सेंटर फॉर इंटरनेट ऐंड सोसाइटी को भी यह प्रश्नावली दी गई है, जिसने पिछले साल आधार के डेटाबेस में बड़े पैमाने पर लीक्स का दावा किया था। जांच के दायरे में राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, जिसे बिल ऐंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन से अच्छी धनाराशि मिलती है और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (इसका एफसीआरए लाइसेंस पिछले साल रद्द कर दिया गया था), एशियानेट न्यू चैरिटेबल ट्रस्ट और मैरी कॉम का बॉक्सिंग ट्रेनिंग स्कूल भी शामिल है।
स्टैंडर्ड प्रश्नावली में 32 सवाल पूछे गए हैं, जिससे यह जांच की जा सके कि एफसीआरए के नियमों का उल्लंघन तो नहीं हुआ है? गौरतलब है कि इस तरह के उल्लंघनों की बात सबसे पहले जिलाधिकारी या खुफिया एजेंसियों के संज्ञान में आई थी। अगर इन संगठनों के जवाब को संतोषजनक नहीं पाया जाता है तो एफसीआरए अकाउंट का ऑडिट कराने के साथ ही इनके बुक्स और परिसर की भी जांच की जा सकती है।
पीएचएफआई, नैस्कॉम और अरुणाचल व केरल में स्थित ईसाई संगठनों के ऑडिट और जांच की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उधर, नैस्कॉम के सीईओ श्रीकांत सिन्हा ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि सरकार ने जनवरी 2018 में एक रूटीन एफसीआरए ऑडिट कराया है। ऑडिट के बाद फाउंडेशन को आज तक मंत्रालय की ओर से किसी प्रकार का नोटिस नहीं मिला है।