22 मार्च ! बिहार दिवस !
सुप्रीत (छपरा सारण ) बिहार
पिछले कुछ सालों में मुझे देश के अलग अलग शहरों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ था! हर एक शहर बेहतरीन और हर शहर का एक अलग ही इतिहास! हर जगह कुछ न कुछ नया जानने और सिखने को मिला! लेकिन इन सब के बीच एक बात मुझे हमेशा परेशान करती रही! जब भी लोग मुझसे पूछते कि मैं कहा से आया हूँ और मेरा जवाब जब बिहार होता, लोगों की नज़रें बदल जाती! आखिर ऐसा है क्या बिहार के बारे जो कुछ लोगों को रास नहीं आती? कौतूहलवश मैंने कुछ अनुसन्धान करना शुरू किया! अपने राज्य के बारे में जानने की कोशिश की! फिर समझ आया शायद कुछ बातें ऐसी हैं जो लोग नहीं जानते बिहार के बारे में! सिर्फ चलचित्र और लोगो से कही सुनी बातें ही उनके विचार का आधार है! बिहार प्रदेश को समझ पाना शायद इतना आसन नहीं है!
वैसे तो बिहार का गौरवशाली इतिहास इतना वृहद है कि शायद शब्दों की कमी हो जाए लेकिन फिर भी कोशिश करूंगा आप तक कुछ बातें कम शब्दों में स्पष्ट रूप से पहुच सके!
इतिहास के कुछ पन्नो को पलटते वक़्त मुझे पता चला कि पुरातत्विक दृष्टी से भी बिहार राज्य बहुत ही महत्वपूर्ण है! छपरा शहर से 11 किलोमीटर की दुरी पर स्थित चिरांद आज भी पुरातत्व वैग्तानिकों को अपनी ओर आकर्षित करता है! नालंदा विश्वविद्यालय का नाम तो शायद आपने सुना ही होगा! प्राचीन काल का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय था नालंदा विश्वविद्यालय जहाँ हमारे देश के कोने कोने से विद्यार्थी शिक्षा पाने आते थें! बिहार के चाणक्य और आर्यभट के बिना सम्पूर्ण भारत का इतिहास अधुरा हो जाता है!
अगर आप धार्मिक दृष्टीकोण से देखें बिहार में कई धर्मों से जुडी बहुत सारी बातें हैं जो आपको आकर्षित करेंगी! रामायण में कई जगहों के वर्णन हैं जो बिहार राज्य में हैं! वो चाहे सीतामढ़ी हो या गुरु विश्वामित्र का आश्रम, गौतम ऋषि की बात हो या अहिल्या स्थान की! सिर्फ हिन्दू धर्म नहीं अगर आप सिक्ख धर्म की बात करें तो गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म भी यही हुआ था! ऐसी बहुत सारी बातें हैं जो शायद आज कल लोग भूल गये हैं या उन्हें बताया नहीं गया है!
आप गाँधी जी को तो जानते ही होंगे! उन्होंने भी जब अंग्रेजो के ख़िलाफ़ स्वतंत्रता संग्राम की घोषणा की तो बिहार के चंपारण जिले की पावन धरती से हीं! वैसे उनसे पहले भी स्वतंत्रता संग्राम में बिहार के ओजश्वी वीरों ने हिस्सा लिया था! १८५७ ई. की वो क्रांति जिसने अंग्रेजो को हिला कर रख दिया था, उसकी शुरुवात भी बिहार से हीं हुयी थी! मंगल पाण्डेय पर चलचित्र बनी तो सब कोई उनके बारे में अवगत हुआ लेकिन अगर आपने वीर कुवंर सिंह का नाम नहीं सुना तो शायद वो क्रांति देश के लिए क्या मायने रखता था ये आप ना जान सके होंगे!
भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का जन्म भी तो बिहार में ही हुआ था! और आज़ादी के बाद सम्पूर्ण क्रांति के जनक जय प्रकाश नारायण भी तो बिहार के ही थे जिनके विचारों से प्रभावित हो कर कई छात्र राजनीति में आये और आज देश के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं! बात मजहरुल हक़ की करूँ या स्वामी सहजानंद सरस्वती की, अनुग्रह नारायण सिंह हो या सतेन्द्र नाथ सिन्हा , सबने देशहित में अपना जीवन जिया है!
इन सब की बातों के बीच एक नाम और ध्यान में आता है, रामधारी सिंह दिनकर का! हिंदी साहित्य का सबसे चमकता सितारा! बिहार राज्य में ही उनका भी जन्म हुआ था! वैसे साहित्य कि दुनिया में बिहार से जुड़े कुछ और नाम ऐसे हैं जिनपर आपको गर्व होगा! देवकी नंदन खत्री, फणीश्वर नाथ रेणु, जानकी वल्लभ शास्त्री और नागार्जुन उनमे से कुछ नाम है! भिखारी ठाकुर को तो भोजपुरी का शेक्श्पीयर कहा जाता है!
मधुबनी पेंटिंग्स की तो पूरी दुनिया कायल है! देश का सबसे बड़ा पशुमेला बिहार के सोनपुर में ही आयोजित होता है! सिनेमा जगत की बात करूं तो आज हिंदी सिनेमा में भी बिहार के कलाकारों की अलग पहचान है! शत्रुघ्न सिन्हा, प्रकाश झा, संजय मिश्रा, मनोज वाजपयी, विनय पाठक, इम्तियाज अली, सुशांत सिंह राजपूत और दलेर मेहँदी उनमे से कुछ नाम हैं!
शिक्षा जगत में बिहार के विद्यार्थियों ने तो एक अरसे से अपनी पहचान बनाई है! देश की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता UPSC में हर साल बिहार के छात्रों का दबदबा देखने को मिलता है!
और भी बहुत सारी बातें हैं जो बिहार को एक अलग पहचान दिलाती है! शायद बिहार के इतिहास को लोगो तक नहीं पहुचाया गया, इस वजह से लोगों में बिहार के प्रति नजरिया कुछ अलग है! उन सभी को मैं आपके लिए छोड़ता हूँ! आप भी कोशिश करिये बिहार को जानने की! बिहार आपके देश का ही एक राज्य है!