सोशल मीडिया कंपनियों के डेटा लीक मामले की केंद्र सरकार ने शुरू की जांच

फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने कैम्ब्रिज एनालिटिका के डेटा लीक स्कैंडल मामले में माफी मांगी
नई दिल्ली। फेसबुक और इंटरनेट से जुड़ी अन्य कंपनियों से यूजर्स का डेटा हासिल करने और उन्हें चुनावों को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल कनरे के मामले में सरकार ने जांच शुरू कर दी है। कैम्ब्रिज एनालिटिका के फेसबुक से डेटा चोरी करने के मामले में सरकार ने उच्च स्तरीय जांच शुरू की है। शीर्ष सूत्रों ने बताया कि यूजर्स के डेटा की चोरी, उसके बेजा इस्तेमाल और चुनावों को प्रभावित करने जैसे कामों पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
लंदन स्थित कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका की ओर से कई देशों में चुनावों को प्रभावित करने के लिए 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डेटा हासिल करने के मामले में आईटी मिनिस्ट्री की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। इससे पहले देश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के बीच एनालिटिका को हायर करने के आरोपों पर बयानबाजी तेज थी। कहा जा रहा है कि एनालिटिका ने वोटर्स की पसंद और नापसंद का पता लगाने के लिए इस डेटा को यूज किया और फिर उसके मुताबिक चुनावी रणनीति तैयार की।
एक सूत्र ने कहा, डेटा को गलत तरीके से इस्तेमाल किए जाने के प्रयासों को सरकार ने गंभीरता से लिया है। यह ऐसा है, जिसे सहन नहीं किया जा सकता। इसलिए इंटरनेट कंपनियों और उनके वेंडर्स की ओर से हासिल किए गए डेटा की समीक्षा की जा रही है। सरकार ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है, जब आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर कैम्ब्रिज एनालिटिका को हायर कर वोटर्स के व्यवहार और चुनाव की प्रक्रिया में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है।
इससे पहले मंत्री ने सोशल मीडिया को कंपनियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा था कि चुनाव प्रक्रिया को फेसबुक जैसी कंपनियों की ओर से प्रभावित करने की कोशिश किया जाना अस्वीकार्य है। ऐसा पाए जाने पर इन कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि गुरुवार को ही फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने कैम्ब्रिज एनालिटिका के डेटा लीक स्कैंडल मामले में माफी मांगी थी।

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