बेंगलुरु। केंद्र सरकार ने तीन राज्यों में पानी की समस्या का समाधान करने के लिए पाकिस्तान की तरफ बहने वाली नदियों के पानी का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। इससे पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में जल संकट दूर हो सकेगा। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार ने एक नई योजना शुरू की है। जहां पानी नहर के बजाए पाइप प्रणाली का इस्तेमाल कर किसानों तक पहुंचेगा। जिससे 6000 करोड़ रुपये तक के भूमि अधिग्रहण से बचा जा सकेगा। गडकरी ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। गोदावरी मामले का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार आंध्र प्रदेश के पोलावरम में 60,000 करोड़ रुपये की लागत से बांध बनवा रही है। यह कदम इरावती नदी के बहाव को रोकने के लिए उठाया जा रहा है। यह गोदावरी की उपनदी है और घने जंगलों से होकर बहती है। उन्होंने कहा, ‘तब इस पानी का इस्तेमाल तमिलनाडु में आखिरी छोर तक ले जाया जा सकेगा। यह काम 1,300 किलोमीटर पाइप लाइन के जरिए होगा। जब यह परियोजना पूरी हो जाएगी तब तमिलनाडु को 450 टीएमसी पानी मिलेगा। गडकरी ने कहा कि सरकार कर्नाटक के करवार पत्तन को भी विकसित करने की इच्छुक है। अगर सरकार से समझौता होता है तो परियोजना पर तीन हजार करोड़ रुपये खर्च करना होगा।
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