1 जुलाई से आधार के लिए चेहरे की पहचान को लागू करने को तैयार यूआईडीएआई

यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने अपनी प्रेजेंटेशन सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक बेंच के सामने गुरुवार को शुरू की थी जिसे 27 मार्च को वह आगे बढ़ाएंगे। 
नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों के अलावा अब चेहरे की पहचान को भी 1 जुलाई, 2018 से शामिल करने को तैयार है। 12 अंकों वाला विशिष्ट पहचान पत्र जारी करने वाली एजेंसी यूआईडीएआई ने जनवरी में यह घोषणा की थी कि वह फेस ऑथेंटिकेशन फीचर को भी शामिल करेगी। इस फीचर से उन लोगों को फायदा होगा जिनके फींगरप्रिंट या आंख को स्कैन करने में दिक्कतें आ रहीं थीं।
यूआईडीएआई ने बताया कि चेहरे की पहचान वाला फीचर फिंगरप्रिंट, आइरिश या ओटीपी में से किसी एक के साथ होगा। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के सामने दी गई एक प्रेजेंटेशन में यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा था कि आधार डेटा लीक करने के लिए दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर को भी अनगिनत साल लग जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट को सुरक्षा संबंधी जानकारी देते हुए ही उन्होंने बताया था कि फेस ऑथेंटिकेशन 1 जुलाई से शुरू कर दिया जाएगा।
1 बिलियन नाम की प्रेजेंटेशन सुप्रीम कोर्ट को देते हुए यूआईडीएआई के सीईओ ने कहा था, चेहरे की पहचान वाला फीचर फिंगरप्रिंट, आइरिश या ओटीपी में से किसी एक फीचर के साथ 1 जुलाई से शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया था कि अभी तक 1,696.38 करोड़ आधार ऑथेंटिकेशन और 464.85 करोड़ ई-केवाईसी ट्रांजैक्शंस अभी तक हो चुके हैं।

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