सना। यमन के गृह युद्ध में सऊदी अरब और उसके सहयोगियों के हस्तक्षेप के बाद से अभी तक करीब पांच लाख यमनी बच्चों ने स्कूल छोड़ा है। यूनिसेफ ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि करीब बीस लाख बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है क्योंकि युद्ध में भाग लेने के लिए नाबालिगों की भर्ती की जा रही है।
यूनिसेफ के यमन प्रतिनिधि मेरिट्शेल रेलानो ने कहा, ” यमन में बच्चों की एक पूरी पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है क्योंकि उन्हें शिक्षा नहीं मिल रही है या बेहद सीमित तरीके से मिल रही हैउन्होंने कहा कि स्कूल जाने के रास्ते भी खतरनाक हो गये हैं। बच्चों की सुरक्षा की चिंता में कई माता- पिता उन्हें घर में रखना पसंद कर रहे हैं। यूनिसेफ का कहना है कि 2015 से अभी तक सशस्त्र बलों ने अभी तक कम से कम 2,419 बच्चों की भर्ती की है।
आपको बता दें कि पिछले साल सऊदी अरब के यमन में राहत सामग्री पर रोक लगाने से भुखमरी के हालात बन सकते थे। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के प्रमुख ने चेताया था कि अगर सऊदी अरब नीत गठबंधन ने यमन पर लगाई गई अपनी रोक नहीं हटाई और राहत सामग्रियों को देश में लाने की स्वीकृति नहीं दी तो यमन को बड़े पैमाने पर भुखमरी का सामना करना पड़ेगा जिसमें लाखों लोगों का जीवन प्रभावित होगा।
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अवर महासचिव मार्क लोकॉक ने चेतावनी दी कि यह कई दशकों में सबसे बड़ा आकाल होगा और पीडि़तों की संख्या लाखों में पहुंच सकती है. यमन में अरब नीत गठबंधन मार्च, 2015 से हूती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य अभियान चला रहा है।