लखनऊ। उन्नाव गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने भारी दबाव के बाद केस की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। पीडि़ता ने इस मामले में स्थानीय विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत कई लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था। इसी मामले में मंगलवार को विधायक के भाई अतुल सेंगर की गिरफ्तारी भी हुई है।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। इस बीच, गैंगरेप पीडि़ता के पिता के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके साथ मारपीट की पुष्टि हुई है और उनके शरीर पर चोटों के 14 निशान मिले हैं।
एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर आनंद कुमार ने आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, पीडि़ता की शिकायत पर विधायक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पीडि़ता ने अपनी शिकायत में विधायक के अलावा भी कई लोगों का नाम लिया है। इस मामले में एसआईटी का गठन कर दिया गया है। उन्होंने कहा, 11 जून 2017 को दर्ज एफआईआर में विधायक का नाम नहीं था, लेकिन 22-08-2017 की एफआईआर में विधायक का नाम भी शामिल किया गया था। इस मामले की भी जांच की जाएगी कि एफआईआर के मामले में उन्नाव पुलिस की रिपोर्ट सही थी या नहीं।
आंनद कुमार ने कहा कि एसआईटी की जांच लखनऊ जोन के एडीजी के सुपरविजन में होगी। उन्होंने कहा, इस मामले में भी जो भी शामिल है या जिनका नाम एफआईआर में है, उन सबसे पूछताछ की जाएगी। इस मामले में विधायक कुलदीप सिंह से भी पूछताछ होगी।
पीडि़ता के पिता के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि शॉक सेप्टीसीमिया के कारण उनकी मौत हुई। उन्होंने कहा, पुलिस ने पीडि़ता के घायल पिता को थाने पहुंचने के बाद तुरंत अस्पताल पहुंचाया था। मारपीट की घटना गांव में हुई थी। उनकी मौत का कारण शॉकसेप्टीसीमिया है। पोस्टमॉर्टम में आंत में छेद होने की बात भी सामने आई है। ज्यादा खून बहने का भी मामला है। मौत की न्यायिक जांच होगी।