नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे चेलमेश्वर ने विभिन्न पीठों को मामले आवंटित करने पर दिशा-निर्देश तय किए जाने की पूर्व कानून मंत्री की अपील को सूचीबद्ध करने का आदेश देने में गुरुवार असमर्थता जताई। उन्होंने कहा कि कोई लगातार मेरे खिलाफ अभियान चला रहा है जैसे मानो मुझे कुछ हासिल करना है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर ने कहा कि, मैं शांति भूषण की याचिका पर सुनवाई नहीं करना चाहूंगा, इसके कारण एकदम स्पष्ट हैं।कोई लगातार मेरे खिलाफ अभियान चला रहा है, जैसे मानो मुझे कुछ हासिल करना है।
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि वह नहीं चाहते कि अगले 24 घंटे में उनके आदेश को फिर से पलटा जाए। यह देश अपना रास्ता खुद तय करेगा, लेकिन मैं इस जनहित याचिका की सुनवाई नहीं कर सकता, इसके लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ने यह टिप्पणी तब की जब वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के यह कहने पर कि उनके पिता शांति भूषण की जनहित याचिका सूचीबद्ध नहीं की गई। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर द्वारा इस मामले को सूचीबद्ध करने से इनकार करने के बाद प्रशांत भूषण ने अपनी याचिका का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश के समक्ष किया।