प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी, सरकार लागू करेगी कानून

गुरुग्राम। हरियाणा सरकार सेंट्रल क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट्स (रजिस्ट्रेशन ऐंड रेग्युलेशन) ऐक्ट, 2010 इस महीने के अंत तक लागू कर देगी। अधिकारियों के मुताबिक ऐसा करने से प्राइवेट अस्पतालों में होने वाले खर्च और इलाज पर रोक भी लगेगी और लापरवाही की स्थिति में जवाबदेही भी तय होगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि कानून को सख्ती से लागू करने के लिए नियम बनाए जा रहे थे जिससे कि 50 से अधिक बेड वाले प्राइवेट अस्पतालों में होने वाले खर्च की अधिकतम सीमा तय की जाएगी। इनमें से अधिकतर अस्पताल गुरुग्राम और फरीदाबाद में हैं।
अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ समय में प्राइवेट अस्पतालों में ओवरचार्जिंग और लापरवाही के कई मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाना जरूरी हो गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अडिशनल डायरेक्टर जनरल डॉ आदित्य चौधरी का कहना है कि हरियाणा सरकार यह कानून लागू करने के लिए गंभीर है। नियम बनाए जा रहे हैं और इसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा। दिसंबर 2017 तक यह ऐक्ट सिक्किम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, असम और दिल्ली के अलावा सभी यूनियन टेरिटरीज में लागू किया जा चुका है।
ऐक्ट के लागू होने के बाद 50 बेड से ऊपर वाले अस्पतालों के लिए अपनी सेवाएं और उनकी कीमत, डॉक्टरों की लिस्ट, नर्स और दूसरे मेडिकल स्टाफ की योग्यता अलग से दिखाना अनिवार्य हो जाएगा। ऐक्ट के तहत जिला पंजीकरण प्राधिकरण सभी अस्पतालों का पंजीकरण करेगा और उन पर नजर रखेगा। हर पांच साल में यह पंजीकरण रिन्यू कराना होगा।

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