नई दिल्ली। सरकार ट्रेन हादसे में मृतक रेल यात्रियों के परिजनों को 18 लाख रुपये देगी। इसमें आठ लाख रुपये रेलवे की ओर से मुआवजा राशि होगी जो पहले चार लाख थी, जबकि दस लाख रुपये बीमा कंपनी अदा करेगी। पिछले एक साल में रेलवे पीडि़त परिवारों को 400 करोड़ रुपये बतौर मुअवजा दे चुकी है। जबकि पूर्व में यह राशि 200 करोड़ रुपये थी। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्ण रूप से दिव्यांग होने यानि, दोनों हाथ कट जाना अथवा दोनों पैर कट जाना या नेत्रहीन होने पर रेलवे आठ लाख रुपये का मुआवजा देगी। इसके अलावा ट्रेन में चढ़ते वक्त प्लेटफार्म पर गिरकर मौत होने पर पूरा मुआवजा दिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि रेलवे ट्रैक पार करते वक्त अथवा ट्रेन से गिरकर मौत होने पर मृतक के परिजन मुआवजे के हकदार होंगे। बशर्ते उनके पर रेलवे का वैध टिकट हो। अधिकारी ने बताया कि एक जनवरी 2017 से मार्च 2018 के बीच रेलवे बतौर मुआवजा 400 करोड़ रुपये वितरित कर चुका है। मुआवजे की राशि बढ़ाने संबंधी आदेश एक जनवरी 2017 से लागू हो गए हैं। उन्होंने बताया कि रेल टिकट लेकर यात्रा करने वाले सभी यात्रियों का 10 लाख का बीमा होता है। हादसे में मृत्यु होने पर बीमा कंपनी यह राशि अदा करती है। इसके लिए यात्री को प्रीमियम नहीं देना होता है। हालांकि इस योजना के शुरू होने पर महज 92 पैसे का प्रीमियम रखा गया था। इसे बाद में हटा लिया गया। बीमा के तहत मामूली घायल होने पर दो लाख, दिव्यांग होने पर 7.5 लाख मिलेंगे। शव ले जाने के लिए दस हजार रुपये अलग से दिए जाते हैं।
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