700 साल पुराने बरगद का पेड़ को बचाने के लिए चढ़ाई जा रही सलाइन ड्रिप

बीमार होने पर इंसानों को बोतलें चढ़ते हुए आपने हस्पतालों में खूब देखा होगा पर आज हम आपको एक ऐसे पेड़ की तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं जिसे इंसानों की तरह बोतलें चढ़ाईं जा रही हैं। 
हैदराबाद। तेलंगाना के महबूबनगर जिले में स्थित बरगद का पेड़ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बरगद का पेड़ है। इसका अस्तित्व संकट में है, इसे बचाने के लिए अब इसे सलाइन ड्रिप चढ़ाई जा रही है। इसे फिर से जीवित करने के लिए यह कोशिश की जा रही है।दुनिया भर में मशहूर पिल्लामर्री स्थित 700 साल पुराना यह पेड़ खत्म होने की कगार पर आ गया है। पेड़ पर दीमक का प्रकोप इतना है कि वह इसे खोखला किए जा रहे हैं। इसी कारण पेड़ का कुछ हिस्सा भी गिर चुका है। दिसंबर 2017 के बाद से यहां पर्यटकों का आना-जाना प्रतिबंधित किया जा चुका है। ऐसे में पेड़ का इलाज किया जा रहा है। इंजेक्शन से डाल्यूटेड केमिकल्स लगाए जा रहे हैं ताकि दीमक खत्म किया जा सके। पेड़ का इलाज करने के लिए पहले इसके तने में केमिकल डाला गया लेकिन यह नाकामयाब रहा। फिर वन विभाग ने फैसला लिया कि जिस तरह अस्पताल में मरीज को सलाइन में दवा मिलाकर बूंद-बूंद चढ़ाई जाती है वैसे ही पेड़ में बूंद-बूंद करके सलाइन की बोतल से केमिकल चढ़ाया जाए। महबूबनगर जिला वन अधिकारी चुक्का गंगा रेड्डी ने बताया कि पेड़ इतना बड़ा है कि लगभग तीन एकड़ जमीन पर फैला है। पेड़ को बचाने के लिए उन लोगों ने विशेषज्ञ और आईएफएस ऑफिसर रहे मनोरंजन भंजा की सलाह ली। पेड़ को बचाने के लिए तीन तरह से इलाज और संरक्षण शुरू किया गया। पेड़ में बने छेदों में केमिकल डाला गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बाद में सलाइन ड्रिप से केमिकल चढ़ाया जाना शुरू किया गया है।

Share and Enjoy !

Shares

Related posts

Leave a Comment