नई दिल्ली। हैदराबाद की मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में फैसला सुनाने वाले स्पेशल एनआईए कोर्ट के जज रवींद्र रेड्डी का इस्तीफा नामंजूर हो गया है। रवींद्र रेड्डी ने निजी कारण बताते हुए फैसले के तुरंत बाद ही इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि उनके इस्तीफे का इस फैसले से कुछ लेना देना नहीं है। गौरतलब है कि 18 मई 2008 को जुम्मे की नमाज के दौरान ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में 10 आरोपी थे जिनमें से एक की मौत हो गई थी। एनआईए ने 2011 में इस केस की जांच अपने हाथ में ली थी। एनआईए ने कोर्ट के सामने मजबूत सबूत नहीं रखे थे, जिसके कारण सभी आरोपियों को छोड़ दिया गया था। फैसले के कुछ घंटे बाद एनआईए मामलों के विशेष जज के रवींद्र रेड्डी ने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने फैसला आने के बाद ट्वीट किया था, मक्का मस्जिद विस्फोट के सभी आरोपियों को बरी करने वाले न्यायाधीश का इस्तीफा देना बहुत संदेहपूर्ण है और मैं न्यायाधीश के फैसले से आश्चर्यचकित हूं। 18 मई 2007 को रिमोट कंट्रोल के जरिये 400 साल से अधिक पुरानी मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान शक्तिशाली विस्फोट को अंजाम दिया गया था। इसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 अन्य घायल हुए थे। बम विस्फोट मस्जिद के वजूखाना के पास हुआ था जब नमाजी वहां वजू कर रहे थे। बाद में दो और आईईडी पाए गए थे , जिसे पुलिस ने निष्क्रिय कर दिया था। इस घटना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन और दंगे हुए थे. इसके बाद पुलिस कार्रवाई में पांच लोग और मारे गए थे। हालांकि, इस मामले में 10 आरोपी थे , लेकिन उनमें से सिर्फ पांच के खिलाफ ही मुकदमा चलाया गया। दो अन्य आरोपी संदीप वी डांगे और रामचंद्र कालसांगरा फरार हैं जबकि सुनील जोशी की हत्या कर दी गई। दो अन्य के खिलाफ जांच चल रही है।
हैदराबाद की मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस के जज रवींद्र रेड्डी का इस्तीफा खारिज
