टोक्यो। दक्षिणी जापान के माउंट ईओ पहाड़ी पर 250 सालों से सुप्तप्राय एक ज्वालामुखी फटने की घटना से प्रकृति वैज्ञानिक हैरान हैं। प्रशासन ने इसके बाद क्षेत्र को नो एंट्री जोन घोषित कर दिया है। ज्वालामुखी जापान के किरिशीमा पर्वतों का हिस्सा है।जापान की मीटरलॉजिकल एजेंसी के अनुसार, 1768 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद सफेद धुंए के गुबार से पूरा आसमान भर गया। जापान की स्थिति प्राकृतिक दृष्टि से काफी चुनौतीपूर्ण है। जापान को पैसिफिक सी के रिंग ऑफ फायर क्षेत्र का माना जाता है और इस वक्त इस छोटे से देश में 110 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखी हैं। ज्वालामुखी फटने के बाद से प्रशासन काफी सतर्क है और पहाड़ी क्षेत्र के आसपास के रिहायशी इलाकों में चेतावनी जारी कर दी गई। कुछ दिन पहले मार्च में भी इसी तरह का एक और सुप्त ज्वालामुखी लगभग सात साल बाद फटा था। हालांकि, यह ज्वालामुखी 250 साल के बाद फटा है, जिसकी वजह से प्रकृति वैज्ञानिक चिंतित हैं।
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