बीजिंग। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने चार दिवसीय चीन दौरे के लिए शनिवार को बीजिंग पहुंचीं। यहां वह अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ अत्यंत महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता करेंगी और शंघाई सहयोग संगठन की मंत्री स्तरीय बैठक में हिस्सा लेंगी। वांग के साथ रविवार को मुलाकात सुषमा स्वराज के दौरे का मुख्य बिंदु होगा। दौरे के दौरान वह वांग के साथ कई मुद्दों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून में प्रस्तावित चीन यात्रा पर चर्चा करेंगी। मोदी शंघाई सहयोग शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करेंगे।
सुषमा इस बार मार्च में चीन के शीर्ष राजनयिक पद, स्टेट काउंसलर के पद पर आसीन हुए अधिक शक्तिशाली वांग से मुलाकात करेंगी। दोनों के बीच पिछली दिसंबर में बैठक ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर हुई थी। सुषमा 24 अप्रैल को एससीओ के विदेश मंत्री स्तरीय बैठक में शिरकत करेंगी और मंगोलिया के लिए रवाना होंगी।
डोकलाम में 73 दिनों तक चले सैन्य गतिरोध के बाद भारत और चीन अपने संबंधों को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच हाल ही में द्विपक्षीय वार्ताओं और उच्चस्तरीय बैठकों में तेजी दिखाई दी है। लंबे समय तक रहे सीमा विवाद के अलावा दोनों देशों के पास उनके संबंधों को खराब करने वाले बहुत से मुद्दे हैं।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) भारत को नगवार है, क्योंकि यह प्रस्तावित मार्ग इस्लामाबाद के कब्जे वाले विवादास्पद कश्मीर से गुजरता है, जिसपर नई दिल्ली अपना दावा करता है। पाकिस्तान के आतंकी संगठन के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के नई दिल्ली के आवेदन में बीजिंग हमेशा से रोड़ अटकाता रहा है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच विवाद है।