गर्मी के मौसम की तपती दोपहर में हर कोई बाहर जाने से बचता है। मन करता है कि बस घर में ही दिन गुजर जाए, लेकिन बार-बार के पावर कट इसमें बाधा बनते हैं जबकि एसी और कूलर लगातार चलाने से बिजली का बढ़ता खर्च डराता भी है। ऐसे में जरूरी है कि घर में कुछ ऐसे बदलाव किए जाएं, जिससे तपती दोपहर में भी बिना एसी और कूलर के कमरे कूल रहें। खास बात यह है कि इसके लिए ज्यादा खर्च करने की जरूरत भी नहीं है।
छत पर सफेद पेंट देगा राहत
सीमेंट-कंक्रीट की छतों से बने घर पारा चढऩे पर भट्टी की तरह तपने लगते हैं। गर्मी के दिनों में रात में भी घर के अंदर बैठना मुश्किल हो जाता है। सीमेंट-कंक्रीट से बनी छत का रंग भी गहरा होता है, जिससे ये हीट ज्यादा सोखते हैं। ऐसे में छत पर सफेद पेंट या चूनायुक्त सफेद सीमेंट का लेप लगाकर गर्मी के प्रभाव को 70 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। सफेद रंग सूरज की किरणों के लिए रिफ्लेक्टर के तौर पर काम करता है। दो हजार वर्ग फुट की छत को सफेद रंग से पोतने के लिए लगभग 40 किलो चूना और 10 किलो सफेद सीमेंट काफी है। यह आम आदमी के लिए काफी सस्ता और आसान तरीका है।
सीलिंग और दीवारों पर डार्क की जगह करें लाइट कलर
सीलिंग को हमेशा हल्के रंग से रंगना चाहिए। गहरे रंग ज्यादा गर्मी को सोखते हैं और सीलिंग बहुत जल्द गर्म हो जाती है। इसलिए डार्क की जगह लाइट कलर का इस्तेमाल करना ज्यादा मुफीद रहता है। ऐसा ही दीवारों के बाहरी और अंदरूनी हिस्से पर भी करना चाहिए। हल्के रंगों के प्रयोग से घर का तापमान बाहरी तापमान के मुकाबले एक से दो डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है। कमरे को ठंडा बनाए रखने के लिए लाइट ब्लू शेड का इस्तेमाल सबसे सही रहता है। नीला रंग हीट कम सोखता है और ठंडक बनी रहती है। इसके अलावा साउथ वॉल डार्क शेड मरून कलर में रखनी चाहिए। इससे घर की गर्मी घर के उस कोने में चली जाएगी।
लाइट शेड की चीजें आंखों को भी देंगी आराम
दीवारों का रंग बदलने के साथ इंटीरियर में कई ऐसे बदलाव किए जा सकते हैं, जिनके रंग आंखों को ठंडक मिले। जैसे किचन में यलो और ग्रीन कलर की क्रॉकरी यूज करें। इसके अलावा कांच के वॉज और वाइट बाउल भी डेकोरेट किए जा सकते हैं। पिक्चर फ्रेम में अपने हॉलिडे और वीकेंड के एंजॉयफुल फोटोज ऐड करें। इसके अलावा सीजनल प्लांट्स घर के कोनों में रखें। इन प्लांट्स को होममेड घोसले बनाकर डेकोरेट कर सकते हैं। घर को कूल रखने में वास्तु का भी बड़ा फर्क पड़ता है। ऐसे में इसका भी ध्यान रखें। खास तौर पर बेड की पोजिशन का खास ध्यान रखना चाहिए और पैर हमेशा नॉर्थ की तरफ करके नहीं सोना चाहिए।
ऑयल की जगह वॉटर बेस्ड पेंट का करें प्रयोग
ज्यादातर लोग अपनी पसंद के अनुसार घर में पेंट करवाते हैं। इस चक्कर में अक्सर पेंट की गुणवत्ता से भी समझौता कर लिया जाता है। आजकल घरों में ज्यादातर ऑयल-बेस्ड पेंट करवाने का ट्रेंड है, जो काफी महंगा भी होता है, लेकिन इससे कमरे का तापमान बढ़ जाता है। तापमान को कम रखने के लिए वॉटर बेस्ड पेंट का इस्तेमाल करना चाहिए। वॉटर बेस्ड पेंट हीट को रिफ्लेक्ट करता है।
एक्स्ट्रा ट्रीटमेंट से मिलेगा कूल लुक
आजकल घर बनवाते वक्त कई ऐसे ट्रीटमेंट किए जाते हैं, जिससे घर की दीवारें गर्मी में भी ठंडी रहती हैं। इनमें एक है कैविटी ट्रीटमेंट। इसमें दीवारों के बीच गैप रखा जाता है। इससे घर पर सीधी धूप पड़ती भी है तो वह पहली दीवार पर रुक जाती है। इसके अलावा सीलन, नमी जैसी दिक्कतें भी नहीं होती हैं। वहीं, एइरेटेड ब्रिक्स के इस्तेमाल से भी गर्मी में घर ठंडा रहता है। इसे एसीसी ब्रिक्स भी कहते हैं। यह नॉर्मल ईंट से चार गुना बड़ी होती है। यह ईंट हीट को रिफ्लेक्ट और पानी को अब्जार्व करती है। साउथ और वेस्ट की दीवारों पर ज्यादातर ट्रीटमेंट दिए जाते हैं, क्योंकि ईस्ट और वेस्ट की तुलना में साउथ और नॉर्थ की तरफ से ज्यादा धूप आती है। इसके अलावा कमरे की सीलिंग पर वेंटिलेशन लेयर ट्रीटमेंट देकर भी घर को समर फ्रेंडली बनाया जा सकता है।