आरोप साबित होने के बाद आसाराम ने तबियत बिगड़ने की शिकायत कर अस्पताल ले जाने की मांग की। लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। सजा का ऐलान कुछ देर में हो सकता है। ऐसा अनुमान है कि आसाराम को 10 साल की सजा हो सकती है।
जोधपुर। यूपी के शाहजहांपुर की नाबालिग युवती से रेप के मामले में जोधपुर की विशेष अदालत ने आसाराम समेत तीन लोगों को दोषी करार दिया है। हालांकि आसाराम के दो अन्य सहयोगियों प्रकाश और शिवा को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। बता दें कि दोषी ठहराए गए शरतचंद्र और शिल्पी जमानत पर जेल से बाहर थे, इसके अलावा बरी किए गए शिवा को भी बेल मिल गई थी। लेकिन प्रकाश ने आसाराम की जेल में सेवा करने के मकसद से बेल ही नहीं ली थी। आसाराम पर एससी-एसटी ऐक्ट और पॉक्सो ऐक्ट समेत 14 धाराओं में केस चल रहा था। आसाराम और उसके अन्य सहयोगियों को दोषी करार दिए जाने के बाद अब उनकी सजा को लेकर बहस होगी।
पॉक्सो ऐक्ट के तहत आसाराम को इस केस में 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। हालांकि कानूनी जानकारों का कहना है कि आसाराम की उम्र काफी अधिक 78 साल है, ऐसे में उन्हें 10 साल तक की जेल हो सकती है। अदालत के आदेश के बाद आसाराम के प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा, हम इस पर अपनी लीगल टीम से बातचीत करेंगे और भविष्य की कार्रवाई पर विचार करेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। आसाराम पर फैसला सुनाने के लिए जोधपुर की सेंट्रल जेल में ही विशेष अदालत लगाई गई थी। फैसले के दौरान दंगा नियंत्रण फोर्स ने पूरे जोधपुर शहर में फ्लैग मार्च किया ताकि किसी भी तरह के उपद्रव को टाला जा सके।
बता दें कि गुरमीत राम रहीम सिंह पर फैसला सुनाए जाने के बाद पंचकूला में उनके समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया था, इससे सबक लेते हुए ही राजस्थान सरकार पूरी तरह अलर्ट है। इस मामले में आसाराम के अलावा उनके प्रमुख सेवादार शिवा उर्फ सवाराम, प्रकाश द्विवेदी (आश्रम का रसोइया), शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता, शरदचंद्र उर्फ शरतचंद्र भी आरोपी हैं। इस बीच शाहजहांपुर में पीडि़ता के परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इससे पहले 7 अप्रैल को विशेष जज मधुसूदन शर्मा की अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। आसाराम पर जोधपुर के मनाई गांव में स्थित उसके आश्रम में रहने वाली छात्रा ने यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था। इस मामले समेत कई अन्य केसों में आरोपी आसाराम 31 अगस्त, 2013 से ही जेल में बंद है। पीडि़त युवती के दलित एवं नाबालिग होने के चलते आसाराम पर एससी-एसटी ऐक्ट और पॉक्सो ऐक्ट लगाया गया था।
आसाराम के खिलाफ सूरत में भी रेप का एक मामला चल रहा है। इसी महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन पक्ष को 5 सप्ताह के भीतर ट्रायल पूरा करने का आदेश दिया था। बता दें कि सितंबर, 2013 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद आसाराम ने निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक 12 बार जमानत याचिकाएं दाखिल कीं, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। राम जेठमलानी, सुब्रमण्यन स्वामी और सलमान खुर्शीद जैसे तमाम वकील भी उन्हें जेल से बेल नहीं दिला सके। अब दोषी करार दिए जाने के बाद आसाराम की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।