नई दिल्ली। रेलवे ने घोषणा की है अगर कोई ट्रेन पहले स्टेशन (चलने की जगह) से अंतिम स्टेशन (पहुंचने की जगह) तक पूरी तरह से कैंसल हो जाती है तो टिकट अपने आप कैंसल हो जाएगा। ट्रेन के रद्द होने पर पीएनआर (पैसेंजर नेम रेकॉर्ड) भी खुद ही रद्द हो जाएगा और रिफंड भी उसी अकांउट में पहुंच जाएगा, जहां से पेमेंट की गई है।
पिछले कुछ महीनों से सरकार ने यात्रियों के टिकट लेने के अनुभव को आसान बनाने के लिए कई नए नियम बनाए हैं। इसके अलावा इमरजेंसी की हालत में तत्काल टिकट लेने वाले यात्रियों के लिए नए नियम बनाए गए हैं। लोगों को अपनी यात्रा के एक दिन पहले टिकट बुक कराने होंगे। एसी कोच के टिकट की बुकिंग 10 बजे से शुरू होगी, जबकि जनरल टिकट के लिए 11 बजे से बुकिंग शुरू होगी। अगर अपने तय समय से 3 घंटे तक ट्रेन नहीं चलती तो यात्री ट्रेन के किराए और तत्काल की चार्ज वापसी का दावा कर सकते है।
अगर ट्रेन का रूट डायवर्ट किया जाता है और यात्री को उस रूट से यात्रा करना पसंद नहीं है तो पैसेंजर पूरे रिफंड का दावा कर सकते हैं। अगर पैसेंजर को ट्रेन की लोअर क्लास में शिफ्ट किया जाता है और पैसेंजर को उस क्लास में यात्रा करना पसंद नहीं है तो वह पूरा रिफंड ले सकता है। अगर पैसेंजर लोअर क्लास में यात्रा के लिए तैयार हो जाता है तो उसे टिकट के किराए का अंतर का पैसा वापस कर दिया जाएगा।मार्च में रेलवे ने घोषणा की थी कि वह यात्रा करने में असमर्थ होने की हालत में अपने कंफर्म टिकट को अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर कर सकता है।
रेलवे ने कंफर्म टिकट को ट्रांसफर करवे के संबंध में दिशा-निर्देश भी दिए है। जिस यात्री के नाम पर कोई सीट या बर्थ है, रेलवे प्रशासन ने यात्री के नाम बदलने की अनुमति महत्वपूर्ण स्टेशनों के चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर को दे दी है। निर्देश के अनुसार यात्री अपने कंफर्म टिकट को अपने माता-पिता, भाई-बहन, पत्नी या बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है। इसके लिए उन्हें ट्रेन छूटने से 24 घंटे पहले लिखित अनुरोध करना होगा। अगर किसी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान का कोई छात्र अपने टिकट को ट्रांसफर करना चाहता है तो उसे अपने संस्थान के हेड की मंजूरी की जरूरत होगी।