पोम्पिओ के उत्तर कोरिया पहुंचने से कुछ घंटे पहले ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की। इस घोषणा ने उत्तर कोरिया को उसके परमाणु हथियार सौंपने के लिए तैयार करने की संभावनाओं को मुश्किल बना दिया है।
प्योंगयांग। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच प्रस्तावित शिखर वार्ता से पहले कूटनीतिक रिश्तों में आई सरगर्मियों के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ आज उत्तर कोरिया पहुंचे। पोम्पिओ कुछ ही हफ्ते के अंतराल पर दूसरी बार यहां पहुंचे हैं। हालांकि विदेश मंत्री के तौर पर यह उनका पहला दौरा होगा। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और डॉनल्ड ट्रंप के बीच होने वाली ऐतिहासिक मुलाकात की जमीन तैयार करने के लिए वह बिना किसी औपचारिक घोषणा के यहां पहुंचे हैं।उनका यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब तीन अमेरिकी नागरिकों की उत्तर कोरिया में गिरफ्तारी की अफवाहें सामने आ रही हैं। कहा जा रहा है कि संभवत: उनकी रिहाई की प्रक्रिया भी आगे बढ़ रही है। कोरियाई प्रायद्वीप में यह सुधार शीतकालीन ओलंपिक के बाद से देखा जा रहा है, जो पिछले साल के उसके रवैये के ठीक उलट है। पिछले वर्ष तक उत्तर कोरिया के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण कार्यक्रमों को लेकर किम और ट्रंप ने एक-दूसरे को अपमानित किया था और युद्ध की चेतावनी दी थी। ट्रंप ने वाइट हाउस से प्रसारित एक टीवी संबोधन में कहा, हमारा मानना है कि उत्तर कोरिया के साथ संबंध सुधर रहे हैं। उन्होंने कहा, देखते हैं कि संबंध आगे कैसे रहेंगे, लेकिन यह उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया और पूरी दुनिया के लिए बेहतर हो सकता है। पिछले महीने असैन्य क्षेत्र में हुई एक ऐतिहासिक मुलाकात में किम और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून-जेइ-इन ने कोरियाई प्रायद्वीप को पूरी तरह परमाणु मुक्त बनाने के लिए एक समान लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता जताई थी।