नई दिल्ली। आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने आधार कार्ड यूज़र्स के लिए 1 जुलाई से फेस ऑथेन्टिकेशन लागू करने का ऐलान कर दिया है। आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के इस कदम से बूढ़ों और खराब घिसे हुए फिंगरप्रिंट वालों का आसानी से बॉयोमेट्रिक वेरिफिकेशन हो सकेगा। यूआईडीएआई ने बताया कि फेशियल रेफ्रेंस डेटा के लिए आधार रेजिस्ट्रेशन के समय क्लिक की गई फोटो का इस्तेमाल किया जा सकेगा। खास बात यह है कि ऑथेन्टिकेशन एजेंसीज़ फेशियल ऑथेन्टिकेशन करने के लिए किसी हार्डवेयर की ज़रूरत नहीं है इसे लैपटॉप या मोबाइल के ज़रिए भी कर सकते हैं। हालांकि यूआईडीएआई ने इसके लिए सर्विस प्रोवाइडर्स और ऑथेन्टिकेशन एजेंसीज़ को रेजिस्टर्ड डिवाइस उपलब्ध कराया गया है। गौरतलब है कि यह सर्विस 1 जून, 2018 से लागू हो रही है। यूआईडीएआई ने आधार की सिक्योरिटी और प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए सभी एजेंसियों के लिए जरूरी किया है कि वह यूजर्स का वेरिफिकेशन वर्चुअल आईडी से करें और इससे इनकार करने पर एजेंसियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। चूंकि यह बैक एंड पर आधार से मैप होगी, इससे बिना आधार नंबर शेयर किए ही वेरिफिकेशन प्रॉसेस पूरी हो जाएगी। इससे एजेंसियां के पास आधार डेटा का स्टोरेज कम होगा।
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