एलआईसी-आईडीबीआई डील को आईआरडीएआई की मंजूरी

नई दिल्ली। आईआरडीएआई ने शुक्रवार को डूबे कर्ज के बोझ तले दबे आईडीबीआई बैंक में एलआईसी को 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दे दी है। इसके लिए एलआईसी को 10 से 13 हजार करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। अब केंद्र सरकार कैबिनेट के माध्यम से इस प्रस्ताव को मंजूरी देगी। इस डील के बाद बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से कम हो जाएगी। बता दें कि वित्त मंत्रालय ने एनपीए की समस्या का सामना कर रहे बैंकों के रीकैपिटलाइजेशन का ऐलान किया था। धनराशि मुहैया कराए जाने के बाद भी बैंकों की हालत में सुधार नजर नहीं आया। एलआईसी के निवेश के बाद उम्मीद है कि बैंक में सुधार का रास्ता खुलेगा। आज आईडीबीआई बैंक के शेयर की कीमतों में भी 10 प्रतिशत का उछाल नजर आया। वर्तमान में आईडीबीआई में सरकार के 80.96 फीसदी शेयर हैं। इस सौदे में बैंक की 14 हजार करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को शामिल किया जा सकता है। हालांकि शुक्रवार को आईडीबीआई बैंक ने बयान जारी कियाा था कि 13 हजार करोड़ रुपये के निवेश को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। बैंक ने कहा था कि इस बारे में यदि उसके निदेशक मंडल में किसी तरह की चर्चा होती है या कोई संवाद किया जाता है तो सेबी के नियमानुसार इसकी सूचना तुरंत शेयर बाजारों को दी जाएगी। 31 मार्च को आईडीबीआई बैंक का घाटा 5,662.76 करोड़ बताया गया था जबकि पिछले साल यह 3,199.77 करोड़ था। पिछले साल के मुकाबले बैंक के एनपीए में भी बढ़त देखी गई है।

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