केप केनवरल। इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्रियों की मदद के लिए पहली बार किसी रोबॉट को भेजा गया है। साइंस फिक्शन कॉमिक सीरीज से प्रेरित इस रोबॉट को शुक्रवार तड़के ड्रैगन कैप्सूल में रखकर स्पेस एक्स फाल्कन रॉकेट से भेजा गया। स्पेस में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से लैस यह निजी सहयोगी की भूमिका निभाएगा। अंग्रेजी में बात करने वाला यह रोबॉट बास्केटबॉल के आकार का है, जो जर्मन अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर जर्स्ट को आईएसएस पर प्रयोगों में सहयोग करेगा। इसका नाम क्रू इंटरैक्टिव मोबाइल कम्पैनियन यानी सीआईएमओएन है।पांच किग्रा वजन वाले इस रोबॉट के कोई हाथ या पैर नहीं हैं। यह एक आयताकार स्क्रीन है। स्क्रीन पर एक साधारण कार्टून फेस दिखाई देता है। सीआईएमओएन को एयरबस और आईबीएम ने मिलकर विकसित किया है। यह अंतरिक्ष यात्रियों को उनके रोजाना के कार्यों को पूरा करने में रिपेयर इंस्ट्रक्शंस जैसी जानकारियों की प्रक्रिया को समझाएगा। यह वॉइस कमांड का अंग्रेजी में जवाब भी दे सकता है। दिलचस्प बात यह है कि सीआईएमओएन की परिकल्पना 1940 के दशक की साइंस फिक्शन कॉमिक सीरीज से प्रेरित है, जिसमें ब्रेन के आकार का रोबॉट प्रफेसर सीमॉन एक अंतरिक्ष यात्री कैप्टन फ्यूचर को मदद करता है। विशेष तौर पर है प्रशिक्षित फिलहाल वैज्ञानिक इस पर निगरानी रखेंगे कि यह अलेक्जेंडर से कैसे संवाद करता है। आवाज के नमूने और तस्वीरों के माध्यम से अलेक्जेंडर को पहचानने के लिए सीआईएमओएन को प्रशिक्षित किया गया है। आईएसएस पर दोनों मिलकर कई मेडिकल प्रयोग भी करनेवाले हैं। फिलहाल सीआईएमओएन की क्षमता सीमित है। आगे चलकर इस तरह के रोबॉट लोगों और मशीनों के बीच सामाजिक संवाद में भी मददगार साबित हो सकते हैं। अभी जर्मनी के अंतरिक्ष यात्री लैपटॉप पर निर्देशों को पढ़ते हैं और उसके बाद स्पेस स्टेशन पर प्रयोग करते हैं। सीआईएमओएन मौखिक तौर पर अलेक्जेंडर को स्टेप-बाइ-स्टेप निर्देश देगा। आईएसएस पर दोनों मिलकर तीन से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
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