गांदरबल। श्री अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए सुरक्षाबल लखनपुर से पवित्र गुफा तक जमीन से आसमान तक पैनी नजर रख रहे हैं। जम्मू-कश्मीर चूंकि पर्वतीय क्षेत्र है, इसलिए आशंका बनी रहती है कि कहीं आतंकी पहाडिय़ों में छुपकर श्रद्धालुओं को निशाना न बना दें। हरेक पहाड़ी पर सुरक्षाकर्मी की तैनाती मुमकिन नहीं है। संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है। बालटाल आधार शिविर मार्ग पर सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पास है। श्रद्धालुओं के जत्थे के बालटाल से रवाना होने से पूर्व सीआरपीएफ की रोड ओपङ्क्षनग पार्टी राजमार्ग की जांच कर सुनिश्चित करती है कि आतंकियों ने कहीं सड़क किनारे कोई विस्फोटक तो नहीं लगाया है। जवान खोजी कुत्तों व मेटल डिटेक्टर के अलावा ड्रोन से पहाडिय़ों, पेड़ों पर तथा ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर नजर रखी जाती है। सीआरपीएफ के एक हजार जवान रोड ओपङ्क्षनग पार्टी में शामिल हैं जिन्हें विशेष ट्रेनिंग दी गई है कि यदि उन्हें विस्फोटक मिलता है तो उसे किस तरह पहचानना है। विस्फोटक को निष्क्रिय करने के लिए भी विशेष दस्ता तैयार रहता है जो रोड ओपङ्क्षनग पार्टी के साथ चलता है।
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