पानी पूरी बेचने वाला यशस्वी जायसवाल अंडर-19 टीम में शामिल

श्रीलंका के खिलाफ खेले जाने वाले चार दिवसीय दो मैचों के लिए यशस्वी को टीम में जगह दी। बीसीसीआई ने एक बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी। भारत को श्रीलंका में 11 जुलाई से 11 अगस्त के बीच यह दोनों सीरीज खेलनी है। 
मुंबई। मेहनत अगर सच्ची हो तो इंसान हर मुकाम हासिल कर सकता है। कुछ ऐसी ही दास्तां है यूपी के रहने वाले होनहार क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल की। वह भारत की अंडर-19 टीम में शामिल हो गए है। श्रीलंका दौरे के लिए चार दिवसीय मैचों की सीरीज के लिए अंडर-19 टीम में ऑलराउंडर यशस्वी जायसवाल को भी स्थान मिला है।यशस्वी 16 वर्ष के है व अब अंडर-19 इंडियन टीम का भाग है। करीब आठ साल से मुंबई में कोच ज्वाला सिंह की देखरेख में मैदान पर पसीना बहा रहे यशस्वी की प्रतिभा की सभी दाद देते हैं। टीम इंडिया की अंडर-19 टीम में यशस्वी का चयन आलराउंडर के रूप में हुआ है। उसके कोच ज्वाला सिंह गोरखपुर के रहने वाले हैं। यशस्वी ने पिछले दिनों एक मैच में 203 रनों की पारी खेलकर चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया था। उसे इंडिया के दिग्गज खिलाड़ी दिलीप वेंगसरकर संग कई क्रिकेटर सम्मानित कर चुके हैं। यशस्वी जायसवाल को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जायसवाल गरीब परिवार से संबंध रखते है, उनके पिता दुकानदार है। वह बताते है कि मेरे माता पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह मुझे कोचिंग दिला पाए। अपने सपनों को साकार करने के लिए यशस्वी अपने चाचा के पास मुंबई आ गए। यशस्वी के चाचा ने उनकी काफी मदद की। उन्होंने मुस्लिम यूनाइटेड क्लब के मालिकों से यशस्वी के लिए अनुरोध किया, लेकिन वहां अनुमति नहीं मिली पर वहां के प्रबंधक ने कहा था कि अगर तम्बू में लड़का रह सकता है तो कोई हर्ज नहीं। तो यही से शुरूआत हुई यशस्वी की। वह दिन रात मैदान पर परीना बहाते। कभी-कभी, उसके पिता कुछ पैसे भेजते थे लेकिन वह पर्याप्त नहीं थे। फिर थोड़ी आमदनी के लिए यशस्वी ने आजाद मैदान में राम लीला के दौरान पानी-पुरी बेचना पड़ा और फल बेचे। कई बार तो यशस्वी को खाली पेट सोना पड़ता था। दोपहर का भोजन और रात का खाना तम्बू में था और सब खुद बनाना पड़ता था, बिजली भी नहीं होती थी मोमबत्ती की रोशनी से खाना बनाना पड़ता था। मैं अपने परिवार को याद करता और रोता था। लेकिन उम्मीद नहीं छोड़ी हर दिन मेहनत करता रहा। मैंने इसे अपने जीवन में वर्षों से प्रतिदिन सामना किया है। उन्होंने मुझे मजबूत बना दिया है। यशस्वी कहते है स्कोरिंग रन महत्वपूर्ण नहीं है। मुझे पता है कि मैं स्कोर करूंगा और विकेट लेगा।  मुंबई यू -19 के कोच सतीश सामंत का कहना है कि जयस्वाल अगले बड़े मुंबई खिलाड़ी होंगे। उसके पास गेंदबाजों के दिमाग को पढऩे और स्थिति को अनुकूलित करने की क्षमता है। अधिकांश अंडर -19 खिलाडिय़ों को बहुत जल्दी शॉट्स खेलने के लिए लुभाना पड़ता है। वह नहीं करता। यशस्वी ने पिछले दिनों एक मैच में 203 रनों की पारी खेलकर चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया था।

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