कैन्सर: समय से पहचान जीवन बचा सकता है

Dr. Madhu Kiran, MBBS (KGMC LKO) MS (Obst & Gynae)

कैन्सर एक जानलेवा बीमारी है क्योंकि इसके लक्षणो का पता देर से चलता है। महिलाओं में होने वाली कैन्सर में भारत प्रथम स्थान पर है। विश्व में ब्रेस्ट और सर्विकल कैन्सर में भारत प्रथम स्थान ओर ओवेरीयन कैन्सर में द्वितीय स्थान पर है।हर दिन लगभग 2000 नए रोगियों का पता चलता है।

हल्द्वानी। भारत में 2020 तक क़रीब 18 लाख नये रोगियों का पता चलेगा, और 9 लाख लोगों की कैन्सर से मृत्यु हो जाएगी।महिलाओं में सर्विक्स,ब्रेस्ट,अंडशय,गर्भाशय एवं फेफड़ों का कैन्सर अधिक होता है,जबकि पुरुषों में फेफड़ों, मुँह, कोलोन एवं प्रास्टेट का कैन्सर अधिक होता है।

अगर  कैन्सर की उसके शुरुआती दिनो में पहचान लिया जाए, तो इसका इलाज संभव है।

प्रथम निवारणज़्यादातर कैन्सर में बचाव  की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। तक़रीबन एक तिहाई कैन्सर का ख़तरा कम हो जाता है अगर हमारा खान पान अच्छा हो,हम  नियमित   व्यायाम करें, मोटापा काम करें, शराब और तम्बाकू का सेवन बंद कर दे। बड़ती उम्र में कैन्सर का ख़तरा और अधिक बढ़ जाता है, इसलिए (secondary prevention) माध्यमिक निवारण के रूप में कैन्सर जाँच का महत्व बढ़ जाता है।

महिलाओं के कैन्सर की जाँच में प्रमुख है:-

1- स्तन कैन्सर – 40 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में स्तन कैन्सर की स्क्रीनिंग के लिए मैमॉग्रफ़ी परीक्षण किया जाता है। इसे हर साल कराना चाहिए। जिन महिलाओं के परिवार में किसी को स्तन कैन्सर हो चुका है, उन्हें 6 – 12  महीनो में इसे करा  लेना चाहिए जिन महिलाओं में BRCA gene हो उन्हें 25 साल की उम्र से ही मेमोग्राफ़ी कराना शुरू कर देना चाहिए।

सर्विकल कैन्सरमहिलाओं के गर्भाशय और योनि के बीच का क्षेत्र जिसे गर्भाशय ग्रीवा कहते है। उसमें अन्नियमित वृद्धि  होने से यह कैन्सर होता है। HPV वाइरस के इन्फ़ेक्शन से यह कैन्सर का रूप लेता है। इसलिए महिलाओं को 25-30  वर्ष की उम्र से Pap’s smear और HPV टेस्ट करवाना चाहिए। जिन महिलाओं को वैक्सीन लग चुका है, उन्हें भी Pap’s smear  कराना चाहिए।  कुछ शंका हो तो कोल्पोस्कोपी करानी चाहिए।

गर्भाशय और अंडशय कैन्सरसालाना पूरे पेट के अल्ट्रसाउंड से कुछ हद तक इन कैन्सर की शुरुआती पहचान हो सकती है।

कोलोरेक्टल कैन्सर – Stool Exam हर साल एंड Colonoscopy/ Sigmoidoscopy हर दस साल में करवानी चाहिए।

फेफड़ों का कैन्सरमहिलाओं में इस कैन्सर की दर  तेज़ी से बड़ रही है। अतः पुरुषों के साथ महिलाओं को भी 50 साल की उम्र के बाद LDCT (low dose CT thorax) करवाना चाहिए।

पुरुषों में प्रास्टेट कैन्सर – 50 वर्ष के बाद इस कैन्सर का ख़तरा बढ़ जाता है। PSA blood test से इसकी स्क्रीनिंग की जाती है।

इसके अलावा कुछ अन्य टेस्ट भी कैन्सर स्क्रीनिंग में उपयोगी होते है जैसे कि,

1-HPV टेस्ट (महिला)

2- कोलोपोस्कोपी (महिला)

3- BRCA (महिला)

4- CA-125 , CA 19.9 (महिला)

5- CEA & AFP (महिला और पुरुष)

6- अपर G I एंडोस्कोपी & कोलोनोस्कोपी  (महिला और पुरुष)

7 – Low dose  CT स्कैन थॉरैक्स

 

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