पतालिंग जाया। एक तरफ जहां भारत लगातार जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण के लिए मलयेशियाई प्रशासन के साथ संपर्क में है तो दूसरी तरफ विवादस्पद इस्लामिक उपदेशक नाईक ने शनिवार को मलयेशियाई पीएम महातिर मोहम्मद से मुलाकात की। इससे पहले शुक्रवार को पीएम महातिर ने यह स्पष्ट कर दिया था कि जाकिर को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा।महातिर का यह बयान भारत क विदेश मंत्रालय के उस बयान के दो दिन बाद आया था, जिसमें कहा गया था कि नाईक के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय आवेदन पर मलयेशियाई सरकार विचार कर रही है। हालांकि, यह भी कहा गया कि भारत सरकार अभी तक नाईक के प्रत्यर्पण को लेकर मलयेशिया की तरफ से आधिकारिक पुष्टि का इंतजार कर रही है। जाकिर के खिलाफ जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी नाईक के भारत वापसी को लेकर किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार कर दिया। नाईक पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने और भारत में गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। जुलाई 2016 में ढाका के एक रेस्ट्रॉन्ट पर हुए आतंकी हमले के संदिग्धों के जाकिर नाईक के भाषणों से प्रेरित होने की खबरें आने के बाद से ही नाईक के खिलाफ भारत और बांग्लादेश में जांच जारी है। विदेश मंत्रालय ने नाईक का पासपोर्ट रद्द करने के बाद मलयेशिया से उसे भारत प्रत्यर्पित करने को कहा था।
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